Edited By Vijay, Updated: 11 Sep, 2021 09:41 PM

जिला मुख्यालय में भारी बारिश से जगह-जगह भारी नुक्सान हुआ है, जिसके चलते नगर परिषद के वार्ड नंबर-8 और 10 में कई घरों व वन विभाग के सरकारी कार्यालय में बाढ़ का मलबा घुसने से भारी नुक्सान हुआ है। वहीं बल्ह पंचायत में बाबा बालक नाथ मंदिर के समीप बहने...
कुल्लू (दिलीप): जिला मुख्यालय में भारी बारिश से जगह-जगह भारी नुक्सान हुआ है, जिसके चलते नगर परिषद के वार्ड नंबर-8 और 10 में कई घरों व वन विभाग के सरकारी कार्यालय में बाढ़ का मलबा घुसने से भारी नुक्सान हुआ है। वहीं बल्ह पंचायत में बाबा बालक नाथ मंदिर के समीप बहने वाले नाले में निकासी न होने से आसपास के आधा दर्जन मकानों और दुकानों में मलबा घुस गया, जिसके कारण दुकान मालिकों व रिहायशी मकान मालिकों को लाखों रुपए का नुक्सान हुआ है, ऐसे में पीड़ितों ने प्रशासन व सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है।

कूड़ा-कचरा फंसने से ब्लॉक हो रहीं नालियां
स्थानीय दुकानदार राजेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार रात को भारी बारिश होने से बाढ़ का मलबा दुकान में घुसा, वहीं स्थानीय हर्ष सेठी ने बताया कि बार-बार बिजली जा रही थी। भारी बारिश से मलबा कमरे में घुस गया, जिसके कारण सारा सामान खराब हो गया। उन्होंने कहा कि कूड़ा-कचरा फंसने से नालियां ब्लॉक हो रही हैं, ऐसे में बारिश का पानी लोगों के घरों व दुकानों में घुस रहा है। बल्ह पंचायत के प्रधान देवी सिंह ने बताया कि कुल्लू घाटी की कई पंचायतों में घरों और दुकानों में बारिश का पानी और मलबा घुसा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को प्रभावित परिवारों को हरसंभव राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि सड़क किनारे नालियों का रखरखाव सही ढंग से किया जाए।
अधूरे छोड़े काम से हो रहा सब बर्बाद
मोहर सिंह ने बताया कि सड़क के कारण पानी का फ्लो ज्यादा होने से हर रोज हादसे पेश आ रहे हैं, पानी खिड़की के अंदर घुस गया, जिससे 4 कमरों में पानी व मलबा भर गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी नगर परिषद ने आधा-अधूरा काम छोड़ दिया है और उसे पूरा नहीं किया गया है, जिसके कारण आज यह स्थिति पैदा हुई है। स्थानीय महिला लता देवी ने बताया कि पानी की निकासी न होने से स्थानीय लोगों को तीसरी बार इस प्रकार की समस्या से जूझना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जैसे ही बारिश होती है तो यही हाल होता है। लोग नालों में गंदगी फैंकते हैं, यह भी साफ होनी चाहिए या नालियां अंडरग्राऊंड करके पानी की निकासी होनी चाहिए। उधर, तहसीलदार मित्र देव ने बताया कि पटवारी के साथ स्वयं मौके का जायजा लिया है और इसके बाद नुक्सान का एस्टीमेट बनाकर राहत राशि प्रदान की जाएगी।
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