स्वास्थ्य मंत्री बोले- सरकार के वायदे अधूरे, अस्पताल में Doctor नहीं पूरे

Edited By kirti, Updated: 13 Aug, 2019 12:03 PM

health minister vipin parmar

प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे जमीनी स्तर पर खोखले ही साबित हो रहे हैं। सरकार द्वारा सोलन की जनता से अस्पताल में चिकित्सकों व स्टाफ की संख्या बढ़ाने के किए सभी वायदे भी अभी अधूरे ही हैं। चिकित्सकों की संख्या कम बताने पर भी...

सोलन (रवीन्द्र): प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे जमीनी स्तर पर खोखले ही साबित हो रहे हैं। सरकार द्वारा सोलन की जनता से अस्पताल में चिकित्सकों व स्टाफ की संख्या बढ़ाने के किए सभी वायदे भी अभी अधूरे ही हैं। चिकित्सकों की संख्या कम बताने पर भी स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार सवालों को टाल रहे हैं और जबरदस्ती इसे स्पैसिफिकेशन के आधार पर पूरा बता दिया, जबकि क्षेत्रीय अस्पताल में स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। ऐसे में सरकार आम लोगों की समस्या हल करने और अपने वायदों को पूरा करने की बजाय अस्पतालों की स्थिति को केवल बातों से ही सही बताने का प्रयास कर रही है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार सोलन में आयोजित बढ़ती जनसंख्या घटते संसाधन कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे।

यहां पहुंचने पर उनसे बातचीत में वे सभी सवालों को बड़ी सहजता से टाल गए। उन्होंने कहा कि वायदा पूरा किया गया है और अस्पताल में नए पद सृजित करने के साथ-साथ चिकित्सकों को भी भेजा गया है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि अस्पताल को शहर से अन्य स्थान पर बदलने के लिए प्रयास चल रहे हैं, जहां जगह की कमी भी पूरी हो जाएगी। बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन को 200 बैड का अस्पताल बनाया गया है। इसके लिए यहां पर 21 पद चिकित्सकों के थे। सरकार ने यहां के लिए 5 अतिरिक्त पद चिकित्सकों के सृजित किए हैं, लेकिन चिकित्सकों को तैनात करना भूल गई। अब यहां पर 26 पदों के स्थान पर 22 चिकित्सक तैनात हैं। अभी 2 दिन पहले ही यहां से एक चिकित्सक का तबादला हो गया है। इसके अलावा 1 चिकित्सा ने नौकरी छोडऩे के लिए नोटिस भी दिया हुआ है। इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि सोलन अस्पताल में चिकित्सक पूरे हैं।

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में पिछले कई वर्षों से चिकित्सकों की कमी चल रही है, जिसका खमियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल की इस हालत से जनप्रतिनिधियों को भी कोई सरोकार नहीं है। सरकार व विपक्ष कोई भी इस मामले में कुछ बोलने व आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं है और सोलन की जनता पिसती जा रही है। सोलन जिला के अलावा जिला शिमला व जिला सिरमौर के लोग भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस अस्पताल पर निर्भर हैं। प्रतिदिन यहां करीब 1200-1500 ओ.पी.डी. रहती है। चिकित्सकों की कमी के कारण ओ.पी.डी. के बाहर मरीजों का जमावड़ा लगा रहता है। गायनी ओ.पी.डी. में यहां भारी संख्या में महिलाएं इलाज के लिए आती थीं, लेकिन कुछ समय पहले ही यहां से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ का तबादला कर दिया गया।

इसके बाद यहां 1 ही चिकित्सक सेवाएं दे रहा है और इसके कारण महिलाओं को निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ रहा है। कुछ समय पहले चमड़ी रोग विशेषज्ञ का भी यहां से तबादला हो गया था। इसके बाद यहां ओ.पी.डी. बंद है। हृदय रोगियों के लिए भी यहां अलग ओ.पी.डी. नहीं लगती है और उन्हें शिमला जाना पड़ता है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से हिमकेयर योजना व आयुष्मान योजना के तहत आयुर्वैदिक अस्पताल में लोगों को इसका लाभ न मिलने पर सवाल किए गए, लेकिन मंत्री ने इन सवालों को भी योजना के लाभों को गिनाते हुए टाल दिया। यहां पर कुछ दिन पहले ही एक बुजुर्ग व्यक्ति को योजना का लाभ न मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!