Edited By Vijay, Updated: 20 Jun, 2025 05:29 PM

मंडी जिला में ठोस कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने और प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से डीसी मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई।
मंडी (रजनीश): मंडी जिला में ठोस कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने और प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से डीसी मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में ठोस कचरा निपटान, प्लास्टिक प्रतिबंध, उसके नवाचारपूर्ण पुनः उपयोग तथा जनजागरूकता अभियानों की प्रगति की व्यापक समीक्षा की गई। यह बैठक राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने की दिशा में एक निरंतर प्रयास के रूप में तथा मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा जारी निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से आयोजित की गई।
डीसी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 20 अप्रैल से बायोडिग्रेडेबल कम्पोस्टेबल कैरी बैग की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इसी के अंतर्गत उन्होंने "मैं प्लास्टिक नहीं हूँ" नामक ब्रांड से बेचे जा रहे बायोडिग्रेडेबल बैग्स की बिक्री पर भी पूर्ण रोक सुनिश्चित करने को कहा। सार्वजनिक और निजी परिवहन वाहनों में डस्टबिन की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए, वहीं 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतलों का सरकारी बैठकों व सरकारी और प्राइवेट होटलों में पर पूर्ण प्रतिबंध का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए।
डिजिटल निगरानी और एप के माध्यम से ई-चालान प्रणाली शुरू
डीसी ने बताया कि प्रतिबंधों की निगरानी के लिए ‘Banned SUP e-Challan’ नामक मोबाइल एप प्रारंभ किया गया है, जिससे हिमाचल प्रदेश नॉन-बायोडिग्रेडेबल अधिनियम के अंतर्गत चालान जारी किए जा सकेंगे और भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। यह प्रणाली प्लास्टिक की अवैध बिक्री पर नियंत्रण के लिए एक प्रभावी उपकरण सिद्ध होगी।
सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रयोग को बढ़ावा
जिला में प्लास्टिक अपशिष्ट के नवाचारपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देते हुए डीसी ने निर्देश दिए कि शहरी एवं ग्रामीण विकास विभाग छंटा हुआ साफ प्लास्टिक कचरा लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करवाएं ताकि इसका उपयोग ब्लैक टॉपिंग कार्यों में किया जा सके। लोक निर्माण विभाग को हर डिवीजन में कम से कम एक किलोमीटर सड़क में प्लास्टिक मिश्रित बिटुमिन का उपयोग करने को कहा गया है। अभी तक 1414 किलोग्राम प्लास्टिक सड़क निर्माण में प्रयुक्त किया जा चुका है।
जागरूकता अभियान और कचरा पृथक्करण पर जोर
डीसी ने बताया कि नागरिक गीला और सूखा कचरा व सेनेटरी वेस्ट अलग-अलग दें, इसके लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान तथा लगातार आईईसी (सूचना, शिक्षा, संप्रेषण) गतिविधियां चलाई जाएंगी। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की कि वे प्लास्टिक की बिक्री रोकने में प्रशासन का सहयोग करें और सीवरेज तथा नालियों में प्लास्टिक न फेंकें। बैठक में स्कोडी नाले में बढ़ती गंदगी पर उपायुक्त ने चिंता व्यक्त की और कहा कि वे शीघ्र ही अधिकारियों के साथ मिलकर नाले की सफाई सुनिश्चित करेंगे।
सीसीटीवी से निगरानी और क्रशर यूनिटों की जांच के आदेश
डीसी ने नगर निकायों को निर्देश दिए कि वे अवैध डंपिंग और कचरा फैंकने की घटनाओं पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखें। साथ ही, उद्योग विभाग को जिले में स्थापित क्रशर यूनिटों का निरीक्षण करने और भवन निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों को ढककर चलाने के निर्देश भी दिए।
रिवालसर में सीवरेज कनैक्शन की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
रिवालसर नगर पंचायत के अंतर्गत 740 घरों में से केवल 116 घरों को ही सीवरेज से जोड़े जाने पर उपायुक्त ने गहरी नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीघ्र सभी घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाए।
बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित
इस बैठक में एडीसी मंडी गुरसिमर सिंह, नगर निगम मंडी के आयुक्त रोहित राठौर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विनय कुमार, जिला पर्यटन विकास अधिकारी रजनीश शर्मा, आरटीओ नवीन कुमार, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता डीके वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर, जिला आयुष अधिकारी डॉ. राजेश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक दिनेश कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान जिला के सभी एसडीएम और बीडीओ वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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