Himachal: हाईकोर्ट ने हिमाचल भवन को कुर्क करने के दिए आदेश, जानिए क्या बोले सीएम सुक्खू

Edited By Vijay, Updated: 19 Nov, 2024 05:37 PM

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल भवन, 27-सिकंदरा रोड, मंडी हाऊस, नई दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं।

शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल भवन, 27-सिकंदरा रोड, मंडी हाऊस, नई दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने सेली हाइड्रो इलैक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा ऊर्जा विभाग के खिलाफ दायर अनुपालना याचिका पर सुनवाई के पश्चात ये आदेश दिए। कोर्ट ने एमपीपी और पावर विभाग के प्रमुख सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश भी दिए कि किस विशेष अधिकारी अथवा अधिकारियों की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए की 7 फीसदी ब्याज सहित अवार्ड राशि कोर्ट में जमा नहीं की गई है। 

कोर्ट ने कहा कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिनों की अवधि के भीतर जांच पूरी करने और जांच की रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत के आदेश भी दिए। मामले पर सुनवाई 6 दिसम्बर को होगी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 जनवरी, 2023 को प्रतिवादियों को याचिकाकर्त्ता द्वारा जमा किए गए 64 करोड़ रुपए के अग्रिम प्रीमियम को याचिका दायर करने की तारीख से इसकी वसूली तक 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया था। 

इस फैसले पर खंडपीठ ने इस शर्त पर रोक लगा दी थी कि यदि प्रतिवादी उपरोक्त राशि कोर्ट में जमा करवाने में असमर्थ रहते हैं तो अंतरिम आदेश हटा लिए जाएंगे। राशि जमा न करने पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 15 जुलाई 2024 को एकल पीठ के फैसले पर लगाई रोक को हटाने के आदेश जारी किए। इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि प्रतिवादी राज्य के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं है, इसलिए आर्बिट्रेशन अवार्ड को लागू किया जाना इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार द्वारा अवार्ड राशि जमा करने में देरी से दैनिक आधार पर ब्याज लग रहा है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाना है।

वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अपफ्रंट प्रीमियम एक पॉलिसी के तहत है। वर्ष 2006 में ऊर्जा नीति बनी थी, उस वक्त विद्या स्टोक्स ऊर्जा मंत्री थीं। ऊर्जा नीति बनाने वाली कमेटी में मैं भी शामिल था। पॉलिसी में यह स्पष्ट है कि प्रोजैक्ट लगे या न लगे, उसका प्रीमियर प्राइस जमा करवाया जाएगा। सीएम ने कहा कि आर्बिट्रेशन के कई ऐसे फैसले आ रहे हैं, जो चिंताजनक हैं। मैं अध्ययन करने के बाद आगामी कदम उठाया जाएगा।

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