Shimla: टैक्सी का किराया बढ़ाकर लोगों को किराए के बोझ से दबा रही सरकार : जयराम

Edited By Vijay, Updated: 25 Feb, 2025 08:52 PM

government is burdening people with fare by increasing taxi fare jairam

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने टैक्सियों के किराए में 50 फीसदी की बढ़ौतरी कर दी है।

शिमला (राक्टा): नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने टैक्सियों के किराए में 50 फीसदी की बढ़ौतरी कर दी है। यह फैसला आम आदमी के खिलाफ है, इसके बाद सरकार अब बसों के किराए में भी बढ़ौतरी करने की तैयारी कर ली है। इसका प्रस्ताव हाल ही में संपन्न हुई निदेशक मंडल की बैठक में आ चुका है। एचआरटीसी आम आदमी की सवारी है। आम आदमी ही एचआरटीसी में सफर करता है। जब से नई सरकार सत्ता में आई है तब से हर दिन एचआरटीसी अपने जनविरोधी फैसलों की वजह से चर्चा में है।

आए दिन सरकार की तरफ से कोई न कोई ऐसा फैसला लिया जा रहा है जो हिमाचल के आम लोगों के लिए हितकर नहीं है। सरकार प्रदेश के लोगों को किराए के बोझ से दबाने का काम कर रही है। इसलिए सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का यह निर्णय बहुत निराशाजनक है। सुक्खू सरकार सत्ता में आने के बाद से ही जनविरोधी निर्णय ले रही है। सरकार कभी कूकर का किराया वसूलती है तो कभी हीटर और दवा के बैग का तथा अब एचआरटीसी के नए निर्णय की आलोचना हो रही है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयागराज महाकुंभ के दौरे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि सीएम देर आए दुरुस्त आए, महाकुंभ में स्नान पुण्य है। जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री विदेश से लौटे हैं और उनका स्वदेश लौटने पर स्वागत है। जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा कि शायद किसी ने मुख्यमंत्री सुक्खू का मार्गदर्शन किया की जाना जरूरी है तो वे गए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में जाने वाली प्रदेश की जनता के लिए सरकार ने कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाए, जो सही नहीं है। ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वह महाकुंभ जाने वाली जनता के लिए उचित कदम उठाए।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा अधिगृहीत मंदिरों के चढ़ावे को दुरुपयोग नहीं कर सकती है। डाॅ. बिंदल ने कहा कि सरकार द्वारा अधिगृहीत मंदिरों के लिए बनाई गई नियमावली में ये शामिल हो कि छोटे मंदिरों के रखरखाव के लिए, पुजारियों के भरण-पोषण के लिए, संस्कृत व संस्कृति के विकास के लिए, गौशाला के निर्माण एवं संचालन के लिए ही मंदिरों के दान की सरप्लस राशि का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा जो हिन्दुवादी विचारधारा व सनातन संस्कृति को हराकर आए हैं, उन्हें हिन्दुओं के मंदिर के चढ़ावे का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।

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