Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jul, 2025 03:51 PM

हिमाचल प्रदेश के गग्गल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर परिचालन करने वाली एयरलाइनों द्वारा किसी भी पर्यावरणीय खतरे की सूचना प्रदान नहीं की गई है।
गग्गल (अनजान): हिमाचल प्रदेश के गग्गल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर परिचालन करने वाली एयरलाइनों द्वारा किसी भी पर्यावरणीय खतरे की सूचना प्रदान नहीं की गई है। कांगड़ा एयरपोर्ट पर 1 जुलाई 2023 और 30 जून 2025 के बीच 2 पक्षी/वन्य जीव के टकराने की सूचना मिली थी। नागर विमानन महानिदेशालय के पास लाइसैंस प्राप्त एयरपोर्टों पर संभावित वन्य जीव खतरों के प्रबंधन के लिए नियम और दिशा-निर्देश मौजूद हैं। एयरड्रोम के वार्षिक निगरानी निरीक्षणों के माध्यम से डीजीसीए द्वारा जारी विनियमों और दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने यह जानकारी सदन में राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा डाॅ. सिकंदर कुमार के प्रश्न पर दी।
सिकंदर कुमार ने इससे पहले सदन में कांगड़ा एयरपोर्ट पर पक्षियों के टकराने की घटनाओं की रोकथाम सम्बन्धी विषय उठाया। उन्होंने नागर विमानन मंत्री से पूछा कि क्या सरकार का ध्यान कांगड़ा एयरपोर्ट पर बढ़ते पर्यावरणीय खतरे की ओर आकर्षित किया गया है क्या पक्षियों की बढ़ती गतिविधियों से पक्षियों के टकराने का खतरा काफी बढ़ जाता है और विमान तथा यात्री सुरक्षा दोनों गंभीर खतरे में पड़ जाते हैं और कांगड़ा एयरपोर्ट पर विगत दो वर्षों के दौरान हुई ऐसी घटनाओं का ब्यौरा क्या है? देशभर के विभिन्न एयरपोर्टों पर पक्षियों के टकराने और जानवरों संबंधी खतरों को कम करने के लिए उड़ान संचालनों की सुरक्षा हेतु सरकार क्या सक्रिय उपाय करने का विचार रखती है।
डंपिंग की निगरानी को प्रत्येक जिले में एक समिति गठित
डाॅ. सिकंदर के अन्य प्रश्न पर केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने नदी तटों सहित पूरे राज्य में सड़क निर्माण गतिविधियों से निकलने वाले मलबे और कचरे के अवैध डंपिंग की निगरानी और रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति का गठन किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सतत शहरी नदी पुनरुद्धार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने वर्ष 2025 के लिए आरसीए हेतु एक कार्ययोजना को मंजूरी दी है, जिसमें पूरे वर्ष की जाने वाली पहलों का एक वाइब्रंट और कार्योन्मुखी रोडमैप तैयार किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राज्यों में नदी संवेदनशील मास्टर प्लानिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करके शहर के मास्टर प्लान में नदी संबंधी विचारों को बढ़ावा देना है।