सरकार ने हवाई अड्डे निर्माण में जबरदस्ती की तो किसान करेंगे संघर्ष

Edited By Rajneesh Himalian, Updated: 28 Nov, 2020 03:52 PM

farmers will struggle if government forces airport construction

बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा से मिला और उनके माध्यम से और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण के विरोध में ज्ञापन सौंपा।

नेरचौक (हरीश) : बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा से मिला और उनके माध्यम से और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण के विरोध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि 3500 बीघा जमीन से जो आबादी उजाड़ी जाएगी, उसे कहां बसाया जाएगा क्या विस्थापित जनता को मुआवजे के अलावा जमीन के बदले जमीन दी जाएगी।
प्रस्तावित बल्ह हवाई अड्डे में 3500 बीघा भूमि का अधिग्रहण होगा, जिसमें 460 बीघा सरकारी और 3040 बीघा निजी भूमि आएगी। संघर्ष समिति के सचिव नंद लाल वर्मा ने बताया कि यदि यहां हवाई अड्डे का निर्माण होता है तो लाखों पेड़ कटेंगे। प्रस्तावित हवाई अड्डे में जो जमीन जा रही है उसके मार्केट रेट और सर्कल रेट में भारी अंतर है। वर्तमान में किसानों को मुआवजा सर्कल रेट से मिलता है जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा। प्रस्तावित रेलवे लाइन भी इसी हवाई अड्डे के साथ साथ जाएगी, जिससे बल्ह में बची हुई जनता भी विस्थापित होने से नहीं बच पाएगी।
प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण से करीब 10 हजार की आबादी उजड़ेगी उसे सरकार कहां बसाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रस्तावित हवाई अड्डे की परियोजना को लेकर सरकार एकतरफा आगे बढ़ रही है। संघर्ष समिति ने सरकार को बहुत सारे बिंदुओं पर पत्रों, रैली, धरने के माध्यम से अवगत कराया है, लेकिन इसके बावजूद भी किसानों की मांगों को दरकिनार कर सरकार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण पर अड़ी हुई है। सरकार जोर जबरदस्ती करें तो किसानों को मजबूरन संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

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