Mandi: मंडी के किसान ने पारंपरिक खेती छोड़ उगाया 'सुपर फ्रूट', अब हो रही बंपर कमाई

Edited By Vijay, Updated: 28 Dec, 2025 01:13 PM

farmer of mandi grown dragon fruit

हिमाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग अब धरातल पर सफल होते दिखाई दे रहे हैं। जिला मंडी के सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत जुकैण के ठौर गांव निवासी एक प्रगतिशील किसान....

मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग अब धरातल पर सफल होते दिखाई दे रहे हैं। जिला मंडी के सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत जुकैण के ठौर गांव निवासी एक प्रगतिशील किसान प्रेमचंद ने पारंपरिक खेती की लीक से हटकर ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती कर क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।

अढ़ाई बीघा जमीन में राेपे 800 पौधे
किसान प्रेमचंद ने उद्यान विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में अपनी 2.5 बीघा भूमि पर महाराष्ट्र से लाए गए 'जम्बो रैड' किस्म के ड्रैगन फ्रूट के 800 पौधे रोपे थे। उनकी मेहनत और विभाग के सहयोग का नतीजा यह रहा कि वर्ष 2025 के पहले ही सीजन में उन्हें उत्साहजनक परिणाम मिले। प्रेमचंद ने अब तक करीब 2 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन प्राप्त किया है, जिसे उन्होंने 250 से 300 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बाजार में बेचा। प्रारंभिक फसल से ही उन्होंने लगभग 50 हजार रुपए की आय अर्जित कर ली है।

प्राकृतिक खेती और आधुनिक तकनीक का संगम
प्रेमचंद बताते हैं कि पहले वे पारंपरिक खेती करते थे, लेकिन मेहनत के मुकाबले मुनाफा नगण्य था। उद्यान विभाग की प्रेरणा से उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती अपनाई। इसके लिए उन्होंने खेतों को समतल कर 'रेज्ड बेड' तैयार किए और पौधों को सहारा देने के लिए 'ट्रालिस तकनीक' का इस्तेमाल किया। खास बात यह है कि वे पूरी तरह से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और किसी भी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक का प्रयोग नहीं करते। उनके खेतों में ड्रैगन फ्रूट के साथ सीताफल और पपीता भी लहलहा रहे हैं। इस कार्य में उनका बेटा अर्जुन शर्मा भी सक्रिय सहयोग कर रहा है।

सरकार से मिली सबसिडी ने आसान की राह
प्रेमचंद की सफलता में सरकारी योजनाओं का बड़ा हाथ है। उद्यान विभाग की 'मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डिवैल्पमैंट ऑफ हॉर्टिकल्चर' (एमआईडीएच) योजना के तहत उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कुल 62 हजार रुपए की सबसिडी स्वीकृत हुई, जिसमें से 38 हजार रुपए की पहली किस्त मिल चुकी है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाने पर आए 25 हजार रुपए के खर्च पर उन्हें 80 प्रतिशत (20 हजार रुपए) का अनुदान प्राप्त हुआ।

किसानों के लिए 3.37 लाख रुपए तक का अनुदान: डॉ. अनिल ठाकुर
सरकाघाट के विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. अनिल ठाकुर ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट कैक्टस प्रजाति की फसल है जो 35 डिग्री सैल्सियस से अधिक तापमान वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। सरकार क्षेत्र विस्तार योजना के तहत किसानों को प्रति हैक्टेयर 3 लाख 37 हजार 500 रुपए तक का उपदान दो किस्तों में दे रही है। विभाग द्वारा आधुनिक सिंचाई प्रणालियों पर भी अनुदान दिया जा रहा है। उद्यान विकास अधिकारी डॉ. विपिन ने कहा कि प्रेमचंद जैसे किसानों ने साबित कर दिया है कि विभागीय योजनाओं और सही तकनीक के मेल से कम जमीन में भी अच्छी आमदनी हासिल की जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट अब क्षेत्र के किसानों के लिए आय का एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभर रहा है।

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