Edited By Vijay, Updated: 05 Jul, 2025 11:46 AM

तकनीक पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका जीता-जागता उदाहरण सोलन जिले के नालागढ़ में सामने आया। यहां एक परिवार को गूगल मैप पर भरोसा करना इतना भारी पड़ा कि उनकी कार नदी के तेज बहाव में बह गई।
नालागढ़/सोलन: तकनीक पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका जीता-जागता उदाहरण सोलन जिले के नालागढ़ में सामने आया। यहां एक परिवार को गूगल मैप पर भरोसा करना इतना भारी पड़ा कि उनकी कार नदी के तेज बहाव में बह गई। यह हादसा तब हुआ जब परिवार की एक बेटी को ऊना में एक महत्वपूर्ण परीक्षा देने जाना था। परिजनों ने सोचा कि वे गूगल मैप की मदद से सबसे छोटा रास्ता पकड़ लेंगे, लेकिन यह फैसला उन पर भारी पड़ गया।
परिवार ने ऊना पहुंचने के लिए नालागढ़ से भरतगढ़ और फिर कीरतपुर होते हुए आगे का रास्ता तय किया था, लेकिन गूगल मैप ने उन्हें नालागढ़ से ही दभोटा नदी के पुल के रास्ते ऊना की दिशा में मोड़ दिया। परिवार को यह जानकारी नहीं थी कि यह पुल दो साल पहले आई बाढ़ में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है।
जैसे ही कार दभोटा पुल के पास पहुंची, तो अचानक वह नदी के तेज बहाव में फंस गई। देखते ही देखते कार बहाव के साथ कई मीटर दूरी तक बहती चली गई। कार में सवार लोग चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही थी। इसी दौरान कुछ स्थानीय लोगों की नजर इस घटना पर पड़ी।
स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए रैस्क्यू अभियान शुरू किया। रस्सियों और अन्य साधनों की मदद से ग्रामीणों ने कार में फंसे परिवार के सभी सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन यह घटना बड़ी दुर्घटना में बदल सकती थी।
गौरतलब है कि दभोटा पुल वर्ष 2023 की बाढ़ में पूरी तरह बह गया था और उसके बाद से यह मार्ग बंद है। बावजूद इसके गूगल मैप इस रास्ते को आज भी सक्रिय दिखा रहा है, जिससे आए दिन लोग भ्रमित हो रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित तकनीकी एजैंसियों से गूगल मैप पर सही जानकारी अपडेट करने की मांग की है।
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