Edited By Vijay, Updated: 03 Aug, 2025 04:46 PM

धीरा उपमडंल में बेसहारा पशुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। परौर से पुढ़बा तक सड़क किनारे सैंकड़ों पशु दिनभर बैठे रहते हैं। इनमें में कुछ सांड इतने हिसंक हो चुके हैं कि लोगों को घायल कर कर रहे हैं...
परौर (रविन्द्र): धीरा उपमडंल में बेसहारा पशुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। परौर से पुढ़बा तक सड़क किनारे सैंकड़ों पशु दिनभर बैठे रहते हैं। इनमें में कुछ सांड इतने हिसंक हो चुके हैं कि लोगों को घायल कर कर रहे हैं, वहीं वाहनों को भी नुक्सान पहुंचा रहे हैं। रात होते ही ये बेसहारा पशु लोगों की फसलों को चट कर रहे हैं। यदि कोई किसान इन्हें हटाने जाए तो वे उस पर हमला कर देते हैं। ताजा मामला पनापर गांव का है, जहां रविवार सुबह 6 बजे विशेषर सिंह (88) जब सुबह उठकर बाथरूम की तरफ जा रहे थे तो आंगन में खड़े सांड ने उन पर हमला कर पटक दिया। उनके गिरने की आवाज जब पोते ने सुनी तो वह दौड़ कर बाहर निकला व दादा को सांड के चंगुल से छुड़ाया।
विशेषर सिंह के बेटे राज कुमार ने बताया कि यदि समय पर पोता न निकलता तो कोई अनहोनी हो सकती थी। विशेषर सिंह काे घायल अवस्था में ठाकुरद्वारा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके सिर पर 11 टांके लगाने पड़े, वहीं नाक की हड्डी भी टूट गई है। इसके साथ ही शरीर के अंदरुनी हिस्से में कई गुम चोटें लगी हैं, जिसकी पुष्टि सीटी स्कैन में हुई है।
राज कुमार ने बताया इन हिंसक सांडों से छुटकारा दिलाने के लिए 17 जुलाई को प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने प्रशासन में मांग की है कि इन पशुओं से निजात दिलाई जाए। वहीं इस बारे में प्रधान ग्राम पंचायत पनापर पुन्या देवी का कहना है कि शिकायत आई थी, जिसे एसडीएम. कार्यालय धीरा को भेज दिया है। पंयायत के पास पशुओं ने निपटने के लिए कोई फंड या शक्ति नहीं है।