Shimla: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने चेतन बरागटा के आरोपों को बताया निराधार, कंगना रनौत से की तुलना

Edited By Vijay, Updated: 19 Oct, 2024 01:24 PM

education minister rohit thakur hits back at chetan bragta s allegations

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे प्रदेश भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा द्वारा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर पर उनके निर्वाचन क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में अराजक तत्वों को शय देने और जंगलराज को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

शिमला (योगराज): वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे प्रदेश भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा द्वारा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर पर उनके निर्वाचन क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई में अराजक तत्वों को शय देने और जंगलराज को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि चेतन बरागटा के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि चेतन बरागटा का व्यक्तित्व राजनीतिक कुंठा से ग्रसित हो गया है। तथ्यहीन बयानबाजी और मर्यादा से बाहर जाकर बोलना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन गया है। 

रोहित ठाकुर ने चेतन बरागटा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो मामला संज्ञान में लाया जा रहा है, वह बच्चों और कुछ मजदूरों की आपसी लड़ाई का मामला है, उसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति के लिए चेतन बरागटा किसी भी स्तर पर जा सकते हैं। रोहित ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं लोगों ने गुड़िया कांड के समय पुलिस स्टेशन में आग लगाने का काम किया। इस दौरान रोहित ठाकुर ने चेतन बरागटा की तुलना कंगना रनौत से करते हुए कहा कि वह उनके बयानों को अब गंभीरता से नहीं लेते हैं।

वहीं प्रदेश में स्कूलों के मर्ज करने के मामले पर रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में भी चरणबद्ध तरीके से शिक्षा स्तर बढ़ाने के लिए स्कूलों का मर्जर किया जा रहा है। इसमें पहले चरण में एक और दूसरे चरण में दो से तीन बच्चों से कम की स्ट्रैंथ वाले स्कूलों को मर्ज किया गया। अगले चरण में 5 से कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को मर्जर किया गया और आने वाले समय में भी यह क्रम जारी रखा जाएगा। 

वहीं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दाखिला देने के मामले में आए हाईकोर्ट के निर्णय पर रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वेच्छा से छात्रों का दाखिला नहीं रोका। यह सब नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत किया गया है। रोहित ठाकुर ने कहा कि विभाग उच्च न्यायालय के आदेशों की समीक्षा करके मामले पर नीति निर्धारण करेगा।
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