Edited By Kuldeep, Updated: 03 Jun, 2025 08:16 PM

जिला उपभोक्ता आयोग धर्मशाला के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की अदालत ने एक अहम फैसले में एक्सपायरी चॉकलेट बेचने के मामले में दोषी पाए गए एक मैगामार्ट द्वारा उपभोक्ता को 9 फीसदी ब्याज सहित 54 रुपए लौटाने के आदेश जारी किए हैं।
धर्मशाला (ब्यूरो): जिला उपभोक्ता आयोग धर्मशाला के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की अदालत ने एक अहम फैसले में एक्सपायरी चॉकलेट बेचने के मामले में दोषी पाए गए एक मैगामार्ट द्वारा उपभोक्ता को 9 फीसदी ब्याज सहित 54 रुपए लौटाने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही उपभोक्ता को मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार और मुकद्दमा खर्च के तौर पर 10 हजार रुपए भुगतान करने के भी आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा मैगामार्ट को जिला उपभोक्ता विधिक सहायता कोष में 10 हजार रुपए जमा करने के आदेश भी दिए हैं।
साथ ही मैगामार्ट को राज्यभर में प्रसारित एक हिंदी और एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में सार्वजनिक विज्ञापन देना होगा, जिसमें यह घोषित किया जाएगा कि भविष्य में एक्सपायरी उत्पाद बिक्री के लिए स्टॉक में नहीं रखे जाएंगे। इस आदेश की पालना 31 अगस्त 2025 तक जरूरी तौर पर करनी होगी। आयोग में आए मामले के तहत एक शिकायतकर्त्ता का कहना था कि उसने 19 मई 2024 को एक मैगामार्ट से 54 रुपए में एक कंपनी की चॉकलेट की छह यूनिट खरीदी थीं। बाद में पता चला कि इन उत्पादों की एक्सपायरी तारीख 4 दिसंबर 2023 थी। शिकायतकर्त्ता ने स्वयं यह चॉकलेट खाई और तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को यह चॉकलेट देने से रोका।
उन्होंने इस घटना को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का कारण बताया। इस मामले में आयोग ने सुनवाई के बाद पाया कि मैगामार्ट द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की स्पष्ट अवहेलना की गई है। आयोग ने यह भी माना कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी मैगामार्ट द्वारा एक अन्य मामले में ऐसी ही लापरवाही पाई गई थी। इस सारी प्रक्रिया के बाद आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए हैं। साथ ही आयोग ने माना कि उत्पाद की निर्माण व विपणन एजैंसियों द्वारा एक्सपायरी प्रोडक्ट की सप्लाई का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है। ऐसे में उन्हें इस मामले में दोषमुक्त किया गया।