Himachal: हड्डी रोगियों को अब PGI जाने से मिलेगा छुटकारा, AIIMS बिलासपुर में स्थापित हुई डेक्सा मशीन

Edited By Vijay, Updated: 03 Oct, 2025 05:29 PM

dexa machine installed in aiims bilaspur

हड्डियों की मजबूती और घनत्व का सटीक पता लगाने के लिए अब प्रदेश के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में करीब सवा दो करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक डेक्सा मशीन स्थापित की गई है।

बिलासपुर (बंशीधर): हड्डियों की मजबूती और घनत्व का सटीक पता लगाने के लिए अब प्रदेश के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में करीब सवा दो करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक डेक्सा मशीन स्थापित की गई है। यह सुविधा प्रदेश में पहली बार शुरू हुई है। एम्स बिलासपुर में यह सुविधा शुरू होने से न केवल मरीजों को बाहर जाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा, बल्कि समय रहते गंभीर बीमारियों को रोका जा सकेगा और आर्थिक बचत भी होगी। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर जैसी स्थितियों में मरीजों की जीवन-गुणवत्ता सुधारने में लाभ मिलेगा। जानकारी के अनुसार इससे पहले हड्डियों से जुड़ी जांच के लिए मरीजों को चंडीगढ़ या अन्य बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। प्रदेश के किसी भी मेडिकल काॅलेज में यह सुविधा नहीं थी, लेकिन अब एम्स में इस मशीन के लगने से खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और हड्डियों से संबंधित रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।

हड्डियों की बीमारियों की सटीक पहचान 
एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में स्थापित डेक्सा मशीन से हड्डियों के घनत्व की जांच संभव होगी। इससे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के कमजोर होने) की शुरूआती पहचान हो सकेगी और यह भी पता चलेगा कि भविष्य में मरीज को फ्रैक्चर का खतरा कितना है, साथ ही इलाज के दौरान दवाओं और थैरेपी के असर का भी सटीक मूल्यांकन किया जा सकेगा तथा मरजी को विटामिन डी सहित अन्य दवाइयां कितने दिनों के लिए देनी है, इसका सटीक अंदाजा लग जाएगा। इससे पहले डाॅक्टर अनुमान के अनुसार ही दवाई देते थे।

5 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है जांच 
जानकारी के अनुसार इस मशीन का लाभ 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष, स्टेरॉयड या कैंसर थैरेपी पर चल रहे मरीजों, बार-बार फ्रैक्चर के इतिहास वाले लोगों, थायरॉयड, किडनी और लीवर की पुरानी बीमारी वाले मरीजों को मिलेगा। डेक्सा मशीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें रेडिएशन बेहद कम होता है और पूरी जांच केवल 5 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है।

क्या कहते हैं एम्स बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक
एम्स बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. दिनेश वर्मा ने बताया कि एम्स बिलासपुर में डेक्सा मशीन स्थापित कर दी गई है। इस मशीन से हड्डियों के मरीजों को अब उपचार के लिए दूसरे प्रदेशों को नहीं जाना पड़ेगा। एम्स बिलासपुर प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहा है। 

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