Edited By Vijay, Updated: 21 Sep, 2023 05:59 PM

3 दिन तक हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र में आपदा पर चली चर्चा के बाद आज चौथे दिन पिछली सरकार के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस सरकार सदन में श्वेत पत्र लेकर आई। सदन के पटल पर वीरवार को श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि...
शिमला (योगराज): 3 दिन तक हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र में आपदा पर चली चर्चा के बाद आज चौथे दिन पिछली सरकार के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस सरकार सदन में श्वेत पत्र लेकर आई। सदन के पटल पर वीरवार को श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने के लिए अन्तिम वर्ष में धन का जमकर दुरुपयोग किया। चुनाव जीतने के लिए पूर्व सरकार ने चक्रव्यूह रचा और अमृत महोत्सव, प्रगतिशील हिमाचल, जनमंच और स्थापना दिवस कार्यक्रम पर 16261 करोड़ की फिजूलखर्ची की। नतीजा यह हुआ कि हिमाचल पर वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 92774 करोड़ का कर्ज व देनदारी चढ़ चुकी थी। पिछली सरकार भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
पुराना कर्ज चुकाने के लिए लेना पड़ रहा नया कर्ज
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव जीतने के लए पूर्व सरकार ने वित्तीय अनियमिताएं बरतीं, जिस पर कमेटी श्वेत पत्र लाई है। इसके मुताबिक कर्मचारियों के लिए 10600 करोड़ रुपए के संशोधित वेतन व महंगाई भत्ते का ऐलान तो कर दिया लेकिन इसके एरियर का भुगतान नहीं किया। 10 हजार करोड़ वेतन और 600 करोड़ डीए का पैंडिंग है। हिमाचल की स्थिति अब ये हो गई कि पुराना कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पड़ रहा है। राज्य को इस वक्त कर्ज अदायगी के लिए 9048 करोड़ रुपए चाहिए। कर्ज चुकाने को 3486 रुपए और ब्याज के भुगतान के लिए 5262 करोड़ रुपए की जरूरत है। कुल मिलाकर कर्ज का 9048 करोड़ कर्ज व ब्याज में देना है। सार्वजनिक क्षेत्र के 23 में से 13 उपक्रम 5000 करोड़ के घाटे में चल रहे है। फोन टैपिंग के विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नहीं बल्कि केन्द्र सरकार द्वारा फोन टैपिंग की आशंका है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 2017 में राज्य पर 47906 करोड़ रुपए का कर्ज था। जब भाजपा सरकार की सत्ता से विदाई हुई तो कर्ज बढ़कर 76630 करोड़ रुपए हो गया।
सुक्खू कर्ज लिए बिना सरकार चलाएं : जयराम
उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बताया कि सरकार कर्ज को लेकर विपक्ष पर झूठे आरोप लगा रही है। हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हर सरकार को प्रदेश चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। यदि सरकार इतना काम कर रही है तो सुक्खू कर्ज लिए बिना सरकार चलाएं। अच्छा होता सरकार पिछले 2 सरकारों में वित्तीय प्रबंधन को लेकर भी श्वेत पत्र लेकर आती। फोन टैपिंग पर जयराम ठाकुर ने कहा की सरकार उनके फोन टैपिंग कर रही है जो बर्दास्त नही होगा। सुक्खू सरकार ये गलत परम्पराएं शुरू कर रही है।
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