Edited By Vijay, Updated: 17 Dec, 2024 05:49 PM
देवता हुरंग नारायण 22 वर्षों के बाद नए रथ में विराजमान होकर लोगों के दुख-सुख में शामिल होने के लिए क्षेत्र के भ्रमण पर निकले हैं।
कुल्लू (दिलीप): देवता हुरंग नारायण 22 वर्षों के बाद नए रथ में विराजमान होकर लोगों के दुख-सुख में शामिल होने के लिए क्षेत्र के भ्रमण पर निकले हैं। देवता के कारदार मेहर सिंह, गुर पूर्ण चंद और पुजारी रामलाल ने बताया कि देवता हर 3 वर्ष बाद परिक्रमा करते हैं। देवता की परिक्रमा 26 दिसम्बर तक होगी।
पशुओं को छोड़ने पर माता फुंगणी रुष्ट, आने वाला समय अच्छा नहीं
रामलाल ने कहा कि देवता ने गुर के माध्यम कहा कि पशुओं को छोड़ने पर माता फुंगणी रुष्ट हैं और इन्सान अपनी मनमर्जी कर रहे हैं, ऐसे में आने वाला समय अच्छा नहीं है। समय रहते हुए देवनीति अनुसार कार्य करें।
बुधवार को मूल स्थान जोंगा पंहुचेंगे देवता
देवता मंगलवार को चरमाली में रहे और बुधवार को अपने मूल स्थान जोंगा में पंहुचेंगे। इसके बाद देवता 19 दिसम्बर को समिरग, 20 दिसम्बर को जियांणी के लिए रवाना होंगे। 21 दिसम्बर को देवता जियाणी में विश्राम करेंगे व 22 दिसम्बर को वालकक्षो रवाना होंगे। 23 दिसम्बर को देवता फल्याणी रवाना होंगे। 24 को भूमतीर, 25 को गदियाड़ा और 26 दिसम्बर को देवता अपने मूल स्थान गदियाड़ा से टंडारी मदिर में विराजमान होंगे।
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