Edited By Vijay, Updated: 11 Dec, 2024 11:21 AM
लगघाटी के तहत भुट्ठी गांव के आराध्य देव क्षेत्रपाल थान 3 वर्षों के बाद क्षेत्र की परिक्रमा पर निकले हैं। इस दौरान देवता दर्जनों गांवों की परिक्रमा कर श्रद्धालुओं के सुख-दुख में शामिल होंगे।
कुल्लू (दिलीप): लगघाटी के तहत भुट्ठी गांव के आराध्य देव क्षेत्रपाल थान 3 वर्षों के बाद क्षेत्र की परिक्रमा पर निकले हैं। इस दौरान देवता दर्जनों गांवों की परिक्रमा कर श्रद्धालुओं के सुख-दुख में शामिल होंगे। कोठी के फेरे पर देवता अपने दर्जनों हारियानों और वाद्ययंत्रों के साथ ऐतिहासिक यात्रा पर निकल रहे हैं। देवता स्वयं परिक्रमा के लिए दिन का निर्धारण करते हैं।
देवता क्षेत्रपाल के कारदार सुंदर सिंह का कहना है कि देवता के हर गांव में स्थान हैं। अपने हारियानों का सुख-दुख सांझा करने के लिए देवता परिक्रमा पर निकलते हैं। 4 दिन की परिक्रमा में देवता कई गांवों का भ्रमण करेंगे। इस दौरान कई गांवों में भंडारा भी आयोजित किया जाएगा। उनका कहना है कि घाटी के लोगों को किसी आपदा का सामना न करना पड़े, इस लिहाज से यह परिक्रमा महत्वपूर्ण होती है। उधर, देवता के दौरे को लेकर ग्रामीणों में खुशी की लहर है। लोगाें का कहना है कि उनके सुख-दुख में देवता शामिल होते हैं। देवता के गांव में आने पर लोग उनके समक्ष अपनी समस्याएं रखेंगे।
देवता क्षेत्रपाल गत दिन रथ में विराजमान हुए हैं। मंगलवार को देवता ने रोपड़ी व सतरीम का भ्रमण किया तथा भूमतीर में रात्रि ठहराव किया। देवता 11 दिसम्बर को बढेईग्रां, छोरगपीन और रात्रि ठहराव जठानी में करेंगे। 12 दिसम्बर को खारका व भल्याणी में रात्रि ठहराव करेंगे। 13 दिसम्बर को मड़घन, शांघन व घल्याणा और रात्रि ठहराव बड़ाग्रां में होगा। 14 दिसम्बर को पलालंग व भजलीग का भ्रमण करने के उपरांत देवता अपने मूल स्थान भुट्ठी लौटेंगे।
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