हिमाचल के इन जिलों में सहकारी सभाओं से करोड़ों डकार बने धनकुबेर, आत्महत्या भी कर चुके हैं खाताधारक

Edited By Ekta, Updated: 12 Sep, 2019 10:25 AM

crores scam from coperative meeting

हिमाचल में सहकार का सपना पूरा करने के लिए खोली गई सहकारी सभाओं में से 53 सभाओं पर इतनी बुरी नजर पड़ी कि करोड़ों डकार कर कुछ लोग तो धनकुबेर बन गए लेकिन जिन गरीबों ने खून-पसीने की कमाई इन सहकारी सभाओं में जमा करवाई, वे सड़क पर ही नहीं आ गए बल्कि कइयों...

ऊना/हमीरपुर (सुरेंद्र/पुनीत): हिमाचल में सहकार का सपना पूरा करने के लिए खोली गई सहकारी सभाओं में से 53 सभाओं पर इतनी बुरी नजर पड़ी कि करोड़ों डकार कर कुछ लोग तो धनकुबेर बन गए लेकिन जिन गरीबों ने खून-पसीने की कमाई इन सहकारी सभाओं में जमा करवाई, वे सड़क पर ही नहीं आ गए बल्कि कइयों ने इसी गम में आत्महत्या भी कर ली। हैरत है कि इन सभाओं का उद्देश्य यही था कि गरीब तबका अपनी पाई-पाई जोड़कर परिवार का भविष्य बना सके लेकिन सरकारों की बेरुखी के चलते गरीबों के हाथ खाली और कुछ लोग मालामाल हो गए। विभाग में निरीक्षकों व ऑडिट इंस्पैक्टरों के दर्जनों पद खाली होने से प्रबंधन समितियां व सचिव अपनी मनमानी करते रहे। करोड़ों रुपए की जमापूंजी रखने वाली कृषि सहकारी सभाओं की प्रबंधन व्यवस्था सवालों के घेरे में रही है। सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं कार्यालय भी पंगु नजर आते हैं।  

सख्त कार्रवाई की जरूरत

प्राथमिक कृषि सहकारी सभा के प्रदेशाध्यक्ष सर्वजीत सिंह ने माना कि कुछ सचिवों और सहकारी सभाओं के भ्रष्टाचार की वजह से सभाओं की छवि खराब हो रही है। कुछेक लोगों की वजह से पूरा सहकारिता आंदोलन संदेह के घेरे में आ गया है जोकि दुखद है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जरूरत है। जब भी कोई भ्रष्टाचार का मामला किसी सोसायटी में सामने आता है तो इसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। सहकारी सभा की समिति से लेकर उस सभा पर नजर रखने वाले इंस्पैक्टर और ऑडिटर से भी जवाबतलबी होनी चाहिए। 

20 करोड़ के गबन की चल रही जांच

जिला ऊना में 10 कृषि सहकारी सभाओं में करोड़ों रुपए के गबन के मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही 3 अन्य कृषि सहकारी सभाएं विवादों के घेरे में हैं। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक करीब पौने 20 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच चल रही है। यह राशि किस-किसके खाते में गई और कौन-कौन इस घोटाले में संलिप्त था, इन तमाम पहलुओं पर जांच चली हुई है। हालांकि कुछ राशि को रिकवर किया जा चुका है। जिला ऊना में निरीक्षकों के 19 में से 12 पद खाली हैं जबकि ऑडिट इंस्पैक्टर के 28 में से 20 पद खाली हैं। कुल मिलाकर 32 पद खाली हैं।

पैसे डूबने से 2 सदस्य कर चुके हैं आत्महत्या

हमीरपुर जिला में 4 सहकारी सभाओं की गलत ऋण आबंटन और गबन के मामले की जांच चल रही है। हमीरपुर की बल्यूट सहकारी सभा में गलत ऋण आबंटन से करीब 2 करोड़ का गबन हुआ है, जिसमें सभा के सचिव पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। सभा के 2 सदस्य पैसे डूबने के सदमे से मौत का शिकार हो चुके हैं। पंधेड़ सहकारी सभा में भी गबन हुआ है जिसकी जांच अब धर्मशाला में चल रही है। खरा वार्ड सहकारी सभा भोरंज और नादौरा की कारगू सहकारी सभा में भी गबन की जांच चल रही है। हमीरपुर जिला में भी सहकारी सभाओं का ऑडिट इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि हमीरपुर में 25 निरीक्षकों की जगह केवल 6-7 इंस्पैक्टर ही तैनात हैं।

विवादों के चलते 14 सहकारी समितियों में प्रशासक नियुक्त

जिला सोलन की 4 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। इन सहकारी सभाओं में प्रशासक की नियुक्ति हो चुकी है। करोड़ों रुपए का गबन सामने आने के बाद संबंधित विभाग कार्रवाई में जुटा हुआ है। विवादों के चलते करीब 14 सहकारी सभाओं में प्रशासक की नियुक्ति की हुई है।

4 सहकारी सभाओं में करोड़ों का गोलमाल 

जिला बिलासपुर में 4 सहकारी सभाओं में करोड़ों का गबन हो चुका है। हाल ही में दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा में 33 करोड़ रुपए गबन के मामले में जिला पुलिस की एस.आई.टी. ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभा में जमा यह पैसा आम लोगों का है तथा करीब 4,743 लोगों की अमानत को फर्जी लोन के माध्यम से लुटाया गया है।

सहकारी सभाओं का ऑडिट जरूरी : डा. सहजल 

सहकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल का कहना है कि सहकारी सभाओं में गैर-सदस्यों की फंङ्क्षडग रोक दी गई है। सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अलावा सहकारी सभाओं के ऑडिट को अनिवार्य बना दिया गया है। हालांकि यह पहले अनिवार्य नहीं था जिसके कारण भ्रष्टाचार के मामले सामने आते थे। अब अनियमितताएं रोकने के लिए ऑडिटर का पैनल गठित किया जाएगा। उच्च शिक्षित एवं प्रशिक्षित ऑडिटर से अब विशेष ऑडिट करवाना होगा। सहकारिता मंत्री के मुताबिक घोटाला सामने आने पर अब ऑडिटर की भी जवाबदेही तय की जाएगी।

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