Edited By Vijay, Updated: 22 Nov, 2024 10:46 AM
सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश के 6 मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) से जुड़े मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू....
शिमला (कुलदीप): सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश के 6 मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) से जुड़े मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली पहुंच गए हैं, ऐसे में प्रदेश का सियासी माहौल फिर से गरमा गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने अपने-अपने पक्ष की पैरवी करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
खरगे, राहुल, प्रियंका व शुक्ला को देंगे 2 वर्ष के कार्यक्रम में आने का न्यौता
हालांकि मुख्यमंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से मिलने के सिलसिले में दिल्ली गए हैं ताकि उनको 11 दिसम्बर को बिलासपुर में होने वाले सरकार के 2 वर्ष के कार्यक्रम का न्यौता दिया जा सके। उनके साथ कुछ विधायक भी दिल्ली गए हैं जबकि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के उज्जैन में महाकाल के दर्शनों के लिए जाने की सूचना है।
हाईकमान से सत्ता-संगठन से जुड़े विषयों पर होगी चर्चा
पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पार्टी हाईकमान से सत्ता-संगठन से जुड़े विषयों पर चर्चा भी करेंगे जिसमें सीपीएस मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचना भी शामिल है। सरकार ने इस विषय को लेकर पूरी तैयारी की है यानी सीपीएस मामला पक्ष और विपक्ष में जाने को लेकर रणनीति तैयार है। इसी आधार पर भविष्य में सत्ता और संगठन में मंत्री, निगम-बोर्ड और पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्तियां हो सकती हैं।
विधानसभा सदस्यता पर भी संशय बरकरार
सीपीएस पद से हटाए गए 6 सदस्यों की सदस्यता को लेकर संशय बरकरार है। यदि 6 सदस्यों की सदस्यता जाती है तो प्रदेश फिर से उपचुनाव के दौर से गुजर सकता है। सदस्यता जाने पर सरकार पर कोई खतरा नहीं होगा लेकिन उसकी सदस्य संख्या 40 से घटकर 34 रह जाएगी जो विपक्षी भाजपा सदस्य संख्या 28 से कहीं अधिक है। बाद में उपचुनाव होने की स्थिति में सत्तारूढ़ कांग्रेस को 68 विधानसभा वाले सदन में साधारण बहुमत के लिए 1 सीट की आवश्यकता रहेगी।
भाजपा के 9 विधायकों का मामला भी सुर्खियों में
सीपीएस विवाद के बीच भाजपा के 9 विधायकों से जुड़ा मामला फिर से भी सुर्खियों में आ गया है। भाजपा के 9 विधायकों विपिन सिंह परमार, सतपाल सिंह सत्ती, डा. हंसराज, विनोद कुमार, सुरेंद्र शौरी, त्रिलोक जम्वाल, इंद्र सिंह गांधी, लोकेंद्र कुमार और दीपराज कपूर पर बजट सत्र के दौरान सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप है। इन विधायकों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की तरफ से अभी निर्णय सुनाया जाना बाकी है।
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