Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2023 08:17 PM
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार लम्बित है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि...
सोलन (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार लम्बित है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि यह किसी भी समय हो सकता है। उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पूर्व जयराम सरकार 85 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ हम पर छोड़कर चली गई। हमारी सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 4100 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। चालू वित्त वर्ष में उनके कर्ज की सीमा 6600 करोड़ रुपए है लेकिन सरकार ने अभी तक 4100 करोड़ रुपए का कर्ज ही लिया है।
ओपीसी बहाल करने पर कर्ज की लिमिट घटाई
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने ओपीसी बहाल करने पर हिमाचल की कर्ज की लिमिट से 1780 करोड़ रुपए भी काट दिए। यही नहीं, केंद्र सरकार एनपीएस के खाते में जमा 9 हजार करोड़ रुपए देने से भी अब इंकार कर रही है। इसके बावजूद उनकी सरकार इन चुनौतियों का डटकर सामना करेगी। प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर राजस्व जुटाना शुरू कर दिया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष 1100 करोड़ रुपए के राजस्व का सृजन किया है। ऐसा पहली बार प्रदेश में हुआ है। उन्होंने ऐलान किया कि इस प्राकृतिक आपदा के बावजूद वर्ष 2027 तक हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। यही नहीं, प्रदेश देश का सबसे अमीर राज्य बनेगा।
भाजपा ने प्राकृतिक आपदा में की राजनीति
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा में भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक तो दूर भाजपा के किसी भी सांसद ने प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के लिए राहत राशि तक नहीं मांगी। उन्होंने चुनौती दी है कि यदि राशि मांगी तो उस पत्र काे सार्वजनिक करें, जो प्रधानमंत्री या फिर गृह मंत्री को उन्होंने लिखा है। भाजपा का काम केवल राजनीति करना है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से करीब 12000 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। आपदा प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए सरकार कृतसंकल्प भी थी। प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज तैयार किया। इसके लिए कई विभागों की योजनाओं के बजट में कटौती करनी पड़ी, लेकिन अब आपदा प्रभावित परिवारों को राहत राशि का वितरण शुरू हो गया है। अभी पहली किस्त दी गई है। सोलन की बात करें तो जिले में 377 परिवारों के मकान जमींदोज हुए हैं। इन सभी परिवारों को 3-3 लाख रुपए की राहत राशि वितरित की गई।
सरकार ने अभी तक 3 गारंटियां पूरी कीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अभी तक 3 गारंटियां पूरी कर दी हैं। आने वाले समय में सभी गारंटियों को भी पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले 3 महीने में सरकार कुछ नई योजनाएं भी शुरू करने वाली है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भी सरकार प्रयास कर रही है। सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी शुरू होगी। यही नहीं, जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहां पर गैस्ट लैक्चर की व्यवस्था की जाएगी।
भाजपा ने किया था बिल में संशोधन
नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने यह अधिकार नहीं दिया है। पूर्व भाजपा सरकार ने नगर निगम एक्ट में संशोधन कर विधायक को वोट को अधिकार दिया था। अब विरोध कर रही है।
5 घंटे देरी से पहुंचने पर मांगी माफी
मुख्यमंत्री ने सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में राहत वितरण कार्यक्रम में करीब 5 घंटे देरी से पहुंचने पर वहां पर उपस्थित आपदा राहत परिवार व लोगों से पहले माफी मांगी। दिल्ली में मौसम खराब होने की वजह से उन्हें आने में देरी हो गई थी।
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