Edited By Vijay, Updated: 30 Aug, 2023 08:49 PM

भूभू जोत सहित प्रदेश में 3 प्रमुख सुरंगों का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांगड़ा और कुल्लू घाटी को जोड़ने के लिए घटासनी-शिल्ह-बुधाणी-भूभू जोत सुरंग का निर्माण किया जाएगा।
शिमला (ब्यूरो): भूभू जोत सहित प्रदेश में 3 प्रमुख सुरंगों का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांगड़ा और कुल्लू घाटी को जोड़ने के लिए घटासनी-शिल्ह-बुधाणी-भूभू जोत सुरंग का निर्माण किया जाएगा। यह सुरंग न केवल पर्यटन की दृष्टि से वरदान साबित होगी बल्कि इसका सामरिक महत्व भी है क्योंकि इससे कांगड़ा से मनाली के बीच की दूरी लगभग 55 किलोमीटर कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चम्बा जिले में चुवाड़ी-चम्बा सुरंग और भावा घाटी से पिन घाटी को जोड़ने वाली सुरंग राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये सुरंगें पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा सभी मौसमों में सड़क सम्पर्क बनाए रखने में सहायक होंगी। शिमला से जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सेब सीजन चल रहा है और किसानों की उपज को समय पर मंडियों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही लाहौल क्षेत्र में आलू की फसल भी तैयार हो जाएगी और राष्ट्रीय राजमार्गों की समय पर बहाली के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी लेने के निर्दश
मुख्यमंत्री ने शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा क्योंकि इससे प्रदेश के 8 जिलों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सड़क के सौंदर्यीकरण में बढ़ौतरी के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप अथवा पांच मीटर का मध्याह्न सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को बाढ़ के कारण सोलन जिले के बद्दी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए दो पुलों के जीर्णोद्धार में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को एक साथ फोरलेन बनाया जाना चाहिए क्योंकि टुकड़ों में इस राजमार्ग को फोरलेन बनाने से यातायात के सुचारू प्रवाह में समस्या होगी।
सैलानियों की संख्या सालाना 5 करोड़ बढ़ाने का लक्ष्य
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या प्रति वर्ष 5 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में सहायक होगी।
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