हिमाचल सरकार की कर्ज पर निर्भरता को लेकर CM सुखविंदर सिंह ने कही ये बड़ी बात

Edited By Vijay, Updated: 04 Jun, 2023 09:00 PM

cm sukhvinder singh

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूर्व भाजपा सरकार द्वारा विरासत में छोड़े गए 75000 करोड़ रुपए के कर्ज तथा वर्तमान सरकार द्वारा पुरानी पैंशन योजना को बहाल करने पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों के...

शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूर्व भाजपा सरकार द्वारा विरासत में छोड़े गए 75000 करोड़ रुपए के कर्ज तथा वर्तमान सरकार द्वारा पुरानी पैंशन योजना को बहाल करने पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों के कारण ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके राज्य सरकार सक्रिय रूप से संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उन केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की विद्युत परियोजनाओं में बड़ी हिस्सेदारी की मांग करना शामिल है, जिन्होंने अपनी लागत वसूल कर ली है। इसके अलावा सरकार को शराब की दुकानों की नीलामी से 40 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।

10 वर्षों में हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद विकास की गति को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। सरकार संसाधनों को बढ़ाने के साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि धन की कमी राज्य की प्रगति में बाधा न बने। चुनौतियों के बावजूद सरकार संसाधन जुटाने पर विशेष बल दे रही है। सरकार का लक्ष्य उधार पर निर्भरता कम करना और राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं और समाज के सभी वर्गों के सहयोग से प्रदेश सरकार का लक्ष्य अगले 10 वर्षों के भीतर हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है।

3 वर्षों तक के लिए लागू रहेगा प्रतिबंध
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए बाहरी सहायता प्राप्त एजैंसियों के माध्यम से सहायता के नए प्रस्तावों पर अधिकतम सीमा निर्धारित की है। यह प्रतिबंध 2023-24 से 2025-26 तक 3 वर्षों के लिए लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की समाप्ति तक हिमाचल भारत सरकार से मात्र 2944 करोड़ रुपए के प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए पात्र होगा।

उधार सीमा में 1779 करोड़ रुपए की कटौती 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पैंशन योजना को बहाल करने के निर्णय से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उधार सीमा में 1779 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। इसके अतिरिक्त खुले बाजार से उधार लेने की सीमा को गत वर्ष की तुलना में लगभग 5500 करोड़ रुपए कम कर दिया गया है। दिसम्बर 2023 तक प्रदेश सरकार को 4259 करोड़ रुपए उधार लेने की अनुमति मिली है, साथ ही प्रदेश को लगभग 8500 करोड़ रुपए के लिए अतिरिक्त अनुमति प्राप्त होने की भी उम्मीद है। 

ओकओवर में अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री ने रविवार को अपने सरकारी आवास ओकओवर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और कई अहम फाइलों को निपटाया। इसके साथ ही विभिन्न प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री से मुलाकात करने ओकओवर पहुंचे। 

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