Edited By Vijay, Updated: 25 May, 2025 12:37 PM

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में निरमंड उपमंडल के जगातखाना क्षेत्र में बीती शाम बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है।
रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में निरमंड उपमंडल के जगातखाना क्षेत्र में बीती शाम बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में तीन अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ की स्थिति बनी, जिससे कम से कम दो दर्जन से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुछ वाहन सतलुज नदी के तट तक बह गए हैं। बाढ़ के कारण क्षेत्र की सड़कों को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। जगातखाना, चाटी, और तुनन को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग अभी भी अवरुद्ध हैं, जिससे आवागमन बाधित हो गया है।

घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर लेनी पड़ी शरण
जगतखाना और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग बादल फटने के बाद के मंजर को देखकर पूरी रात सो नहीं पाए। कई लोगों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। इस घटना ने जो अभी तक मानसून के आगमन से पहले हुई है, सरकारी विभागों की आपदा प्रबंधन तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आनी के विधायक ने सरकारी तंत्र की धीमी प्रतिक्रिया पर जताई चिंता
आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार ने सरकारी तंत्र की धीमी प्रतिक्रिया पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि बादल फटने के 15 घंटे बीत जाने के बावजूद संपर्क मार्गों को बहाल करने और दलदल में फंसे वाहनों को निकालने का काम शुरू नहीं हुआ है। विधायक ने बताया कि रात लगभग 6:15 बजे जगातखाना क्षेत्र में अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई। उन्होंने यह भी बताया कि तेज आंधी और ओलावृष्टि से नकदी फसलों को भी नुक्सान हुआ है। उन्होंने पुष्टि की कि जगातखाना में 24-25 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें से कुछ सतलुज नदी में बह गई हैं और लोगों के घरों में पानी घुस गया है।
पीड़ितों ने सुनाई आपबीती
जगातखाना में दुकान चलाने वाले नारायण पाल ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि उन्हें बाढ़ की सूचना मिलते ही वे तुरंत अपनी गाड़ी की ओर भागे, लेकिन उसे बचा नहीं पाए। चांदनी नाम की एक स्थानीय निवासी ने बताया कि बादल फटने के बाद जब बाढ़ आई, तो वह पास के मकान में थी और तुरंत अपने बच्चों के साथ एक सुरक्षित जगह पर भाग गई। उन्होंने कहा कि वे पूरी रात सो नहीं पाए और दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं शमीम अहमद ने बताया कि बादल फटने के समय वे वहीं मौजूद थे और किसी तरह अपनी जान बचाई, लेकिन वे भी रात को सो नहीं पाए। जगातखाना पंचायत के प्रधान सतीश कुमार ने बताया कि प्रारंभिक सर्वेक्षण में 26 वाहनों को नुक्सान पहुंचने की पुष्टि हुई है, और कुछ वाहन अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि 15 वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

पूर्व प्रधान ने पीडब्ल्यूडी पर लगाए आरोप
जगातखाना पंचायत की पूर्व प्रधान देविका ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर बने पुलिया (कलवर्ट) और जल निकासी (ड्रेनेज) की स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके कारण कलवर्ट बंद हो गए और लोगों के घरों में पानी घुस गया, जिससे गाड़ियां बह गईं। उन्होंने तत्काल सड़क मुरम्मत की मांग की है।
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