Edited By Jyoti M, Updated: 14 Aug, 2025 11:56 AM

हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। बीते रात राज्य के पांच अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई। इन घटनाओं ने कुल्लू, किन्नौर, लाहौल स्पीति, शिमला और कुल्लू जिलों के सीमावर्ती इलाकों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, राहत...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। बीते रात राज्य के पांच अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई। इन घटनाओं ने कुल्लू, किन्नौर, लाहौल स्पीति, शिमला और कुल्लू जिलों के सीमावर्ती इलाकों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इन प्राकृतिक आपदाओं में किसी भी तरह की जनहानि की खबर नहीं है।
बाढ़ और तबाही का मंजर
बादल फटने की घटनाओं के बाद अचानक आई बाढ़ में कई पुल बह गए, कई वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए और कई मकान व दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने खतरे वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है और बचाव कार्य जारी है।
सड़कें बंद, जनजीवन प्रभावित
पूरे हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 300 से अधिक सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। इससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 325 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। चम्बा, कांगड़ा और मंडी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है। इसके अलावा, शुक्रवार से रविवार तक के लिए कुछ जिलों में 'येलो अलर्ट' भी जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है।
स्कूल-कॉलेज बंद
मौसम की गंभीर स्थिति को देखते हुए, कुल्लू जिले के बंजार, मंडी के गोहर और ऊना जिले के सभी शिक्षण संस्थान आज बंद रखे गए हैं। शिमला जिले के जुब्बल और बंजार उपमंडल में भी सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
किन्नौर में बादल फटा
जनजातीय जिला किन्नौर में भी बादल फटने से सतलुज नदी पर बना एक पुल बह गया, जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। होजो लुंगपा नाले में आई बाढ़ ने सड़क निर्माण कार्य को पूरी तरह से रोक दिया है। पूह गांव की पेयजल योजना को भी नुकसान पहुंचा है। सतलुज नदी में पानी का स्तर बढ़ने के कारण करछम वांगतु नाथपा बांध के द्वार खोल दिए गए हैं, ताकि पानी के दबाव को कम किया जा सके। भारी बारिश के चलते पागल नाला, नाथपा और निगुलसरी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग भी बाधित हो गया है।
अब तक 2000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
अधिकारियों के अनुसार, 20 जून को मॉनसून शुरू होने के बाद से अब तक हिमाचल प्रदेश को 2031 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस दौरान बारिश से जुड़ी घटनाओं में 126 लोगों की मौत हुई है और 36 लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस साल मॉनसून के दौरान 63 अचानक बाढ़, 31 बादल फटने और 57 बड़े भूस्खलन हुए हैं।
इसके अलावा मंडी-कुल्लू NH की टनल 8 अगस्त को भारी बाढ़ के कारण बंद हो गई थी, और अभी भी बंद है, हालांकि, भूस्खलन की संभावना के चलते एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।