Himachal: भारतीय सेना बनी 'देवदूत', बाढ़ में फंसे लोगों को पहले ड्रोन से पहुंचाई मदद, फिर किया रैस्क्यू

Edited By Vijay, Updated: 14 Aug, 2025 06:24 PM

army used drone to deliver food to people stranded in the flood and then rescued

किन्नौर जिले में बुधवार शाम को बादल फटने के बाद पूह के होजो नाले में अचानक आई बाढ़ ने इलाके में भारी तबाही मचा दी थी। बाढ़ का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के लिए सड़क बना रही एक निर्माण कंपनी का पूरा कैंप जलमग्न हो गया।

रिकांगपिओ (रिपन): किन्नौर जिले में बुधवार शाम को बादल फटने के बाद पूह के होजो नाले में अचानक आई बाढ़ ने इलाके में भारी तबाही मचा दी थी। बाढ़ का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के लिए सड़क बना रही एक निर्माण कंपनी का पूरा कैंप जलमग्न हो गया। कंपनी के कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए तुरंत वहां से भागना पड़ा जबकि चार लोग नदी के दूसरी तरफ फंस गए थे, जिन्हें भारतीय सेना द्वारा सुरक्षित रैस्क्यू कर लिया गया है। 
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बता दें कि ऋषि डोगरी घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने के बाद हाेजाे नाला में अचानक पानी बढ़ने से सतलुज नदी पर बना पुल बह गया और एक व्यक्ति घायल हो गया है। यह घटना गंगथांग ब्रालम के पास सीपीडब्ल्यूडी के सड़क निर्माण क्षेत्र में हुई। किन्नौर पुलिस अधीक्षक से आपातकालीन अनुरोध मिलने पर सेना का मानवीय सहायता एवं आपदा राहत दल तुरंत मौके पर पहुंचा।

अंधेरा व बारिश के साथ-साथ अन्य कठिनाइयों के बावजूद दल ने पहली बार लॉजिस्टिक्स ड्रोन हाई एल्टीट्यूड प्रणाली का उपयोग करते हुए फंसे लोगों को खाद्य सामग्री और नारियल पानी पहुंचाया। वहीं वीरवार सुबह बचाव अभियान चलाकर फंसे नागरिकों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया तथा घायलों को रिकांगपिओ अस्पताल भेजा गया। फिलहाल सभी नागरिक पूह स्थित सेना शिविर में हैं और जल स्तर घटने पर उन्हें घर भेजा जाएगा।

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