Edited By Vijay, Updated: 30 Sep, 2024 05:04 PM
सीटू ने ठेका व आउटसोर्स कर्मियों की मांगों को लेकर नीरथ, रामपुर, झाकडी, बायल में धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को सीटू के ज़िला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, सचिव अमित, दिनेश मेहता ने सम्बोधित किया।
रामपुर बुशहर (नोगल): सीटू ने ठेका व आउटसोर्स कर्मियों की मांगों को लेकर नीरथ, रामपुर, झाकडी, बायल में धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को सीटू के ज़िला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, सचिव अमित, दिनेश मेहता ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों व प्रतिष्ठानों, सरकारी सेवाओं में कार्यरत ठेका मजदूरों, आउटसोर्स, कैजुअल, मल्टीटॉस्क, मल्टीपर्पज व फिक्स टर्म मजदूरों को आमतौर पर समान, एक काम करने के बावजूद नियमित मजदूरों से बहुत कम वेतन दिया जाता है। ठेका मजदूरों को भारी संख्या में श्रम कानूनों के दायरे से बाहर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण, बिजली, परिवहन, कृषि जल शक्ति, बागवानी सहित अन्य विभिन्न विभागों में आऊटसोर्स प्रणाली को लागू करके इन विभागों में नियमित के बजाए अस्थाई भर्तियां की गई। इन कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के मुकाबले बेहद कम वेतन दिया जा रहा है, कर्मचारियों से 8 के बजाए 12 घंटे कार्य लिया जाता है। इसके बावजूद भी मजदूरों का ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन, बोनस, छुट्टियों की सुविधा लागू नहीं की जाती है। इनके लिए मेडिकल सुविधा कर कोई प्रावधान नहीं है। इन्हें समय पर वेतन भी नहीं मिलता है, कई बार कई दो व तीन महीने के बाद वेतन दिया जाता है। श्रम कानून लागू करने की मांग पर इन्हें अपनी नौकरी तक से हाथ धोना पड़ता है।
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