Edited By Jyoti M, Updated: 11 Nov, 2024 03:59 PM
हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के शेरपुर गांव का दुनिया से संपर्क पिछले दस दिनों से पूरी तरह कट गया है। यहाँ के निवासियों को हर दिन भूस्खलन और टूटे हुए पुल के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के शेरपुर गांव का दुनिया से संपर्क पिछले दस दिनों से पूरी तरह कट गया है। यहाँ के निवासियों को हर दिन भूस्खलन और टूटे हुए पुल के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शेरपुर-चम्बा-बनीखेत मार्ग पर लगातार मलवा गिरने से न केवल इस क्षेत्र की यातायात व्यवस्था बाधित हो गई है, बल्कि स्थानीय लोगों की जिंदगी भी मुश्किल में पड़ गई है।
भूस्खलन से आई मुश्किलें
शेरपुर गांव में पिछले दस दिनों से सड़क संपर्क ठप है। यहां के मुख्य मार्ग पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ है, जिसमें पहाड़ से लगातार मलवा गिर रहा है। इसके कारण नाले पर बना लोहे का पुल भी एक तरफ से धंस चुका है, जिससे आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो मलवे को हटाने का प्रयास किया गया था, लेकिन भूस्खलन का सिलसिला लगातार जारी है। प्रशासन भी इस संकट से निपटने में पूरी तरह असमर्थ नजर आ रहा है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में लगातार मलवा गिरने से रास्ते को बहाल करना बेहद कठिन हो गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
इस संकट का सबसे बड़ा असर क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा है। शेरपुर के निवासियों का कहना है कि अगर किसी गांववाले को बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल ले जाना हो, तो उन्हें वैकल्पिक मार्ग से यात्रा करनी पड़ती है। यह मार्ग काफी लंबा और समय लेने वाला है, जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है।
शेरपुर गांव के पास बाथरी और खेरी में अस्पताल हैं, लेकिन मार्ग बंद होने के कारण ग्रामीणों को इन अस्पतालों तक पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके अनुसार, पहले यह रास्ता नजदीक था और अस्पताल पहुंचना आसान था, लेकिन अब वैकल्पिक मार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, जो समय की बर्बादी के साथ-साथ यात्रा को भी जोखिमपूर्ण बना देता है।
प्रशासन से उम्मीद
शेरपुर गांव के लोग अब प्रशासन और सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द से जल्द इस रास्ते को बहाल किया जाएगा और टूटे हुए पुल की मरम्मत की जाएगी, ताकि वे फिर से अपने घरों से बाहर निकल सकें। उनका कहना है कि यदि यह समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो आने-जाने में और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में और ज्यादा परेशानियां हो सकती हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस दिशा में त्वरित कार्रवाई की अपील की है, ताकि उनके जीवन को सामान्य किया जा सके और उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
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