Edited By Kuldeep, Updated: 25 Aug, 2024 10:50 PM
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उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में जन्माष्टमी पर्व पर डल झील में पवित्र स्नान का शुभ मुहूर्त 10 घंटे 40 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में डल झील में आस्था की डुबकी लगाना शुभ और फलदायक रहेगा।
भरमौर (उत्तम): उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में जन्माष्टमी पर्व पर डल झील में पवित्र स्नान का शुभ मुहूर्त 10 घंटे 40 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में डल झील में आस्था की डुबकी लगाना शुभ और फलदायक रहेगा। 25-26 अगस्त अष्टमी तड़के 3 बजकर 40 मिनट पर रात्री से शुरू होकर तथा 26 अगस्त अष्टमी 2 बजकर 20 मिनट दोपहर तक छोटे न्हौण का मुहूर्त रहेगा। बहरहाल मणिमहेश यात्रा में जन्माष्टमी के पावन स्नान के लिए श्रद्धालुओं का भरमौर पहुंचने का सिलसिला जारी है।
प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर आगाज 26 अगस्त को छोटे स्नान के साथ हो रहा है। हालांकि मई माह से ही डल झील की ओर यात्रियों का जाने का क्रम शुरू हो गया था। वहीं अगस्त माह में भी अब तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु डल झील पहुंच कर आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। जन्माष्टमी पर्व के शुभ मुहूर्त में डल झील में स्नान करने का शास्त्रों में विशेष महत्त्व है और पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के अलावा स्थानीय लोग भी इसी शुभ घड़ी में डल में आस्था की डुबकी लगाते हैं। कार्यवाहक एडीएम कुलवीर सिंह राणा ने कहा कि स्थानीय पंडितों से न्यास एवं प्रशासन ने संपर्क करने के बाद जन्माष्टमी और राधा अष्टमी के शुभ मुहूर्त की समयावधि श्रद्धालुओं के लिए जारी की है।
राधा अष्टमी का स्नान 10 व 11 सितम्बर अष्टमी रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक चलेगा
धार्मिक एवं पवित्र यात्रा का दूसरा और प्रमुख स्नान राधा अष्टमी का पावन स्नान 10 व 11 सितम्बर अष्टमी रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू तथा 11 सितम्बर 2024 अष्टमी दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक चलेगा। कुलवीर सिंह राणा ने बताया कि जन्माष्टमी के पावन स्नान को लेकर डल झील समेत यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं।
वहीं इस बारे में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ तैयारियों को लेकर रिव्यू बैठक भी की है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में जन्माष्टमी पर डल झील में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा इस वर्ष अधिक रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त में स्नान करने के पिछले रिकॉर्ड इस वर्ष टूट सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन एवं मणिमहेश मंदिर न्यास का पूरा प्रयास है कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं और इसके लिए हरसंभव कदम उठाएं जा रहे हैं।