Edited By Vijay, Updated: 14 Dec, 2024 04:43 PM

गगरेट के बहुचर्चित दवा तस्करी मामले में अग्रिम जमानत हासिल करने के प्रयास कर रहे एक और आरोपी को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा है।
गगरेट (बृज): गगरेट के बहुचर्चित दवा तस्करी मामले में अग्रिम जमानत हासिल करने के प्रयास कर रहे एक और आरोपी को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने आरोपी महिला की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने प्रतिबंधित दवा की बड़ी खेप पकड़ते हुए गगरेट पुलिस थाना में मादक द्रव्य पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया था।
इस मामले में खुलासा हुआ था कि किस प्रकार ड्रग माफिया तस्करी का खेल ट्रांसपोर्ट कंपनियों के माध्यम से खेल रहा है। मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते इस मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी की एसआईटी को सौंपा गया था। इस मामले में अब तक 8 आरोपी सलाखों के पीछे धकेले जा चुके हैं जबकि एक आरोपी साक्ष्य मिटाने के आरोप में उच्चतम न्यायालय से जमानत हासिल कर चुका है।
अहम बात यह है कि कई राज्यों में फैले प्रतिबंधित दवा तस्करी के इस रैकेट में महिलाएं भी शामिल थीं। सीआईडी की एसआईटी ने इस मामले में दिल्ली की एक महिला को भी आरोपी बनाया था। उक्त महिला ने पहले प्रदेश उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की और वहां से उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई। इसके बाद उस महिला ने अग्रिम जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
उच्चतम न्यायालय ने उक्त महिला को चार सप्ताह का समय देते हुए सक्षम न्यायालय के समक्ष सरैंडर करने का समय देते हुए वहीं पर जमानत याचिका दायर करने को कहा लेकिन महिला सरैंडर करने को आगे नहीं आई जिस पर उच्चतम न्यायालय ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सीआईडी के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि महिला आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय से खारिज हो गई है।
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