Edited By kirti, Updated: 29 Feb, 2020 10:49 AM
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बाबा बालक नाथ की तपोभूमि शाहतलाई में अब दुकानदार दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ावे के रूप चढ़ाए जाने वाले रोट को मनमाने भाव से नहीं बेच सकेंगे। मंदिर न्यास अब वजन के हिसाब से रोट का रेट तय करेगा जिसके लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन भी किया गया है। यह कमेटी...
शाहतलाई : बाबा बालक नाथ की तपोभूमि शाहतलाई में अब दुकानदार दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ावे के रूप चढ़ाए जाने वाले रोट को मनमाने भाव से नहीं बेच सकेंगे। मंदिर न्यास अब वजन के हिसाब से रोट का रेट तय करेगा जिसके लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन भी किया गया है। यह कमेटी पहले एक किलोग्राम रोट पर लगने वाले खर्च की जानकारी प्राप्त करेगी उसके बाद रेट तय करेगी। जानकारी के अनुसार गत दिनों डी.सी. बिलासपुर की अध्यक्षता में हुई बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास दियोटसिद्ध की बैठक में वजन के हिसाब से रोट के मूल्य तय करने का निर्णय लिया गया था जिसका दायित्व बाबा बालक मंदिर न्यास दियोटसिद्ध के मंदिर अधिकारी ओ.पी. लखनपाल को सौंपा गया है।
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विदित रहे कि इससे पूर्व हर वर्ष दियोटसिद्ध में प्रशासन द्वारा प्रति रोट के हिसाब से रेट तय किए जाते रहे हैं। मंदिर अधिकारी ओ.पी. लखनपाल ने बताया कि रोट के वजन के हिसाब से रेट तय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। एक किलोग्राम रोट का खर्चा निकालकर वजन के हिसाब से रेट तय किया जाएगा। कमेटी जो रेट तय करेगी दुकानदारों को उसी रेट पर रोट बेचने होंगे।