Edited By Jyoti M, Updated: 09 Feb, 2025 04:30 PM
![houses will be constructed using earthquake resistant technology](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_16_30_162785443house-ll.jpg)
हिमाचल प्रदेश एक भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र है, जहां समय-समय पर भूकंप का खतरा बना रहता है। जापान, नेपाल, ताइवान, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और वानुअतु जैसे देशों में आए भूकंपों से हुए भारी नुकसान से सबक लेते हुए, हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश एक भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र है, जहां समय-समय पर भूकंप का खतरा बना रहता है। जापान, नेपाल, ताइवान, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और वानुअतु जैसे देशों में आए भूकंपों से हुए भारी नुकसान से सबक लेते हुए, हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPDMA) ने राज्य में भूकंप रोधी मकानों के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत प्रदेश में भवनों को भूकंपरोधी बनाने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे भूकंप के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके।
भूकंप रोधी निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस योजना को सफल बनाने के लिए निर्माण से जुड़े पेशेवरों को प्रशिक्षित करने की पहल की है। इसके तहत प्रत्येक पंचायत से पांच-पांच निर्माण पेशेवरों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे अपने स्थानीय स्तर पर भूकंपरोधी मकान बनाने में सहयोग कर सकें।
राकेश, प्रशिक्षण समन्वयक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि जिला कुल्लू के विकास खंड कुल्लू और बंजार में पेशेवर लोग निर्माण की आधुनिक तकनीक सीख रहे हैं। कुल्लू के तहत आने वाले पेशेवरों को राजकीय बहुतकनीकी संस्थान सेउबाग तथा बंजार के पेशेवरों को खंड विकास अधिकारी कार्यालय में छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भूकंप रोधी निर्माण की आवश्यकता और लाभ
हिमाचल प्रदेश में कई क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील हैं, जहां छोटे से लेकर बड़े भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। पुराने पारंपरिक मकान भूकंप के झटकों को सहन करने में सक्षम नहीं होते, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों को अपनाकर भवनों की संरचनात्मक मजबूती को बढ़ाया जा सकता है।