मां-बाप के नाम के बिना भी होगा पंजीकरण

Edited By Updated: 06 Sep, 2015 12:13 AM

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केंद्र सरकार ने अनाथ बच्चों के मामले में मां-बाप का नाम लिखे बिना भी जन्म पंजीकरण करने की छूट दे दी है।

धर्मशाला: केंद्र सरकार ने अनाथ बच्चों के मामले में मां-बाप का नाम लिखे बिना भी जन्म पंजीकरण करने की छूट दे दी है। इसके लिए बिंदुवार गाइड लाइन जारी कर राज्य सरकारों को भेजी गई है। इसके तहत यदि बच्चे के माता-पिता के नाम की जानकारी नहीं है तो उनके नाम का कॉलम जन्म रिपोर्टिंग फार्म में खाली रखा जाएगा। इससे पहले तक अनाथ बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाते थे।

भारत सरकार के महारजिस्ट्रार के अनुमोदन पर उपमहारजिस्ट्रार पीए मिनी ने इस संबंध में सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य रजिस्ट्रार को परिपत्र जारी किया है। जारी परिपत्र में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) 1969 की धारा 3 (3) के तहत दिए गए दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है। ऐसे मामलों में अनाथ बच्चों के जन्म व मृत्यु की जानकारी देने की जवाबदेही अनाथालयों, बच्चों के मामले में संबंधित संस्थान के प्रभारियों अथवा केयर टेकर की होगी। ऐसे मामले में जन्म स्थान, जन्मतिथि और माता-पिता के नाम बारे जानकारी नहीं होने पर भी प्रमाण पत्र जारी करना होगा। केंद्र सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर भी सख्ती दिखाई है। राज्य सरकार को कहा गया है कि इस काम में 3 साल से जमे अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए।

प्रमाण पत्र में नहीं होगा अनाथ शब्द
राज्यों को इस बात की भी सख्त हिदायत दी गई है कि प्रमाण पत्र में अनाथ शब्द का जिक्र कहीं भी नहीं किया जाए। अनाथ बच्चे के जन्म स्थान की जानकारी नहीं होने पर जिस अनाथालय में बच्चा रह रहा है, उसे ही बच्चे का जन्म स्थान माना जाएगा। जन्मतिथि की जानकारी नहीं होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जांच कर एक निर्धारित आयु और संभावित जन्मतिथि दी जाएगी। अब अनाथालय में रहने वाले हर बच्चे का पंजीकरण करने की जिम्मेदारी पूरी तरह संचालक की होगी।

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