Edited By Vijay, Updated: 31 Jul, 2025 07:10 PM

छिन्नमस्ता धाम चिंतपूर्णी में चल रहे श्रावन अष्टमी मेलों के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। बुधवार रात से ही श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु मंदिर के कपाट मां के दर्शनों को खोल दिए गए थे।
चिंतपूर्णी (राकेश): छिन्नमस्ता धाम चिंतपूर्णी में चल रहे श्रावन अष्टमी मेलों के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। बुधवार रात से ही श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु मंदिर के कपाट मां के दर्शनों को खोल दिए गए थे। वीरवार को लगभग 60,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मां की पावन पिंडी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। अत्यधिक भीड़ होने के कारण श्रद्धालुओं की डबल लाइन लुधियाना धर्मशाला जगदंबा ढाबा को पार करती हुई मोगा धर्मशाला से आगे तक पहुंच गई थी, जिसे देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार की व्यवस्थाएं की गई थीं।

रस्सी लगाकर बनाई लाइन
सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। गेट नंबर-1 और 2 में विशेष रूप से बैरिकेड व रस्सी लगाकर श्रद्धालुओं को संबंधित व्यवस्था के तहत लाइन में लगाया गया, ताकि लाइन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके। 7वें दिन श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी चुस्त-दुरुस्त दिखा और बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मचारी, पुलिस जवान व एक्स सर्विसमैन पुराने बस स्टैंड गेट नंबर-1 और 2 में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर सुरक्षा व लाइन व्यवस्था को पुख्ता किया गया है।
श्रद्धालुओं की आवाजाही से दुकानदारों के चेहरों पर रौनक
मंदिर मुख्य मार्ग में श्रद्धालुओं की आवाजाही से स्थानीय व अस्थायी दुकानदारों के चेहरों पर रौनक है। मंदिर परिसर से लेकर मंदिर बाजार तक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है, जिसमें अतिरिक्त पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई। प्रशासन द्वारा पेयजल और सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलैंस सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा मिल सके। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुझाव एवं शिकायत कक्ष और सूचना प्रदान करने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
एचआरटीसी ने अतिरिक्त बसें लगाईं
श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए हिमाचल प्रदेश पथ निगम की अतिरिक्त बसें सेवाएं दे रही हैं, ताकि पंजाब सहित अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं को आने-जाने की सुविधा सुनिश्चित की जाए। मान्यता है कि 7वें मेला दिवस की रात्रि को अन्य शक्तिपीठों से ज्योति रूप में देवियां यहां आकर अपनी लाडली बहन चिंतपूर्णी से मिलने आती हैं। इन्हीं ज्योति रूप को देखने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र व उसके आसपास घरों की छतों पर बैठकर ज्योति रूप में मां भगवती के दर्शन करने का इंतजार करते हैं जिसके चलते श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। मेला क्षेत्र में साफ-सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए मंदिर प्रशासन की टिप्पर गाड़ी से लगातार कूड़े-कचरे आदि को उठाकर निरस्तीकरण किया जा रहा है।

एसडीएम व डीएसपी अम्ब ने लिया सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा
मेले के 7वें दिन मेला सह अधिकारी एवं एसडीएम अम्ब सचिन शर्मा व पुलिस सह मेला अधिकारी एवं डीएसपी अम्ब वसुधा सूद ने चिंतपूर्णी पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं को और बेहतर व सुचारू रूप से चलाने के लिए निर्देश दिए गए। मंदिर प्रशासन द्वारा इन व्यवस्थाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित दर्शन कराने का प्रयास किया जा रहा है। सावन अष्टमी मेले के दौरान प्रशासन की प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है। मंदिर अधिकारी अजय मंडियाल मेला क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लेकर सुविधाओं को सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि वह खुद सैक्टर मैजिस्ट्रेट व अन्य कर्मचारियों के साथ मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रण करने के साथ-साथ फील्ड में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। श्रद्धालुओं को कम समय में मां के दर्शन प्राप्त हों, ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर प्रशासन द्वारा तय नियमों के अनुसार उनका पालन करें तथा मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था व जेब कतरों आदि से ध्यान रखें और मंदिर प्रशासन का सहयोग करें।
अब तक 4 लाख के करीब श्रद्धालुओं ने नवाया शीश
अजय मंडियाल ने बताया कि सावन अष्टमी मेले के दौरान लगभग 4 लाख के करीब श्रद्धालुओं ने मां की पावन पिंडी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया है। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। उन्होंने मेलों के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे की जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर न्यास को पिछले 6 दिनों में 82 लाख रुपए से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई है।