Himachal: प्राचीन मंदिरों, किलों व पुरातात्विक स्थलों का हाेगा जीर्णाेद्धार, सरकार ने स्वीकृत की करोड़ाें की राशि

Edited By Vijay, Updated: 22 Jul, 2025 04:35 PM

ancient temples forts and archaeological sites will be renovated

हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लगभग 50 करोड़ रुपए की राशि प्राचीन मंदिरों, किलों और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के जीर्णाेद्धार के लिए स्वीकृत की गई है।

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लगभग 50 करोड़ रुपए की राशि प्राचीन मंदिरों, किलों और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के जीर्णाेद्धार के लिए स्वीकृत की गई है। इसमें से राज्य के अधिगृहीत मंदिरों में विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए 37 करोड़ रुपए का सहायतानुदान प्रदान किया गया है। भाषा, कला और संस्कृति विभाग का जिम्मा सम्भाल रहे उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण पर प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 550 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों, प्राचीन मंदिरों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण व विकास के लिए कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में ऑनलाइन लंगर बुकिंग व ऑनलाइन दर्शन सुविधा शुरू
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में 8 अगस्त 2023 से सुगम दर्शन प्रणाली शुरू की गई है, जिससे प्रभावी भीड़ प्रबंधन सहित वृद्धजनों और दिव्यांगों को विशेष सुविधा प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही ऑनलाइन लंगर बुकिंग और ऑनलाइन दर्शन जैसी डिजिटल सेवाएं भी श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाई गई हैं। ऐसी व्यवस्थाएं प्रदेश के अन्य मंदिर न्यासों में भी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रसाद योजना के तहत माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के लिए 56.26 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से धार्मिक पर्यटन और आध्यात्मिक विरासत को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा 250 करोड़ रुपए से मातारानी के भव्य भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने माता श्री ज्वालाजी और माता श्री नैना देवी मंदिरों के लिए भी 100-100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।

15 पुजारियों को दिया संस्कृत संकाय में ऑनलाइन प्रशिक्षण
पूजा विधि एवं मंत्रोच्चारण में शुद्धता लाने के लिए 5 से 25 फरवरी तक श्री चिंतपूर्णी मंदिर के 15 तथा माता श्री नयनादेवी मंदिर के 10 पुजारियों को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत संकाय में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। भविष्य में अन्य मंदिर न्यासों के पुजारियों को भी चरणबद्ध तरीके से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा सांस्कृतिक धरोहरों के अनुरक्षण के लिए 11.16 करोड़ रुपए तथा आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत धार्मिक संस्थानों को वार्षिक पूजा-अर्चना और परिसंपत्तियों के विकास के लिए 1 करोड़ रुपए का सहायतानुदान भी स्वीकृत किया गया है। वहीं प्रदेश के छोटे मंदिरों को मिलने वाली धूप-बत्ती सहायता राशि को वित्त वर्ष 2025-26 में दोगुना कर दिया गया है।

प्रदेश की लोक कलाओं, पारंपरिक संगीत, शिल्प और रीति-रिवाजों को किया जाएगा सांझा
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देशभर में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित व प्रसारित किया जाए। इसके लिए सांस्कृतिक उत्सवों, डिजिटल प्लेटफार्मों, दस्तावेजीकरण और प्रदर्शनियों के माध्यम से हिमाचल की लोक कलाओं, पारंपरिक संगीत, शिल्प और रीति-रिवाजों को सांझा किया जाएगा। इससे न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम मिलेगा, बल्कि युवाओं में अपनी परंपराओं के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना भी प्रबल होगी तथा यह साझा सांस्कृतिक संवाद देश की एकता और विविधता में अद्वितीय योगदान देगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!