Edited By Jyoti M, Updated: 07 Sep, 2025 03:31 PM

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और तबाही का सिलसिला अभी भी जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने लाहुल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी 10 जिलों में बारिश और आंधी के साथ आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और तबाही का सिलसिला अभी भी जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने लाहुल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी 10 जिलों में बारिश और आंधी के साथ आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
रविवार को जहां दिन की शुरुआत खिली धूप के साथ हुई थी, वहीं कुछ घंटों बाद आसमान में घने बादल छा गए, जिससे मौसम में अचानक बदलाव आ गया। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में अब भी 3 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 866 सड़कें बंद हैं। इनमें एनएच-03, एनएच-05 और 305 शामिल हैं। इन सड़कों को खोलने का काम जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से इसमें मुश्किलें आ रही हैं।
बिजली-पानी की समस्या और बढ़ता नुकसान
आपदा ने प्रदेश के बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। 1572 ट्रांसफार्मर खराब होने से कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति ठप है। इसके अलावा, 389 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से 6 सितंबर तक प्रदेश को 4,079 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है।
जान-माल का भारी नुकसान
इस मानसून सीजन में हुई आपदाओं ने जान-माल का भी भारी नुकसान किया है। अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग अभी भी लापता हैं। आपदा में 1,984 पालतू जानवर और 26,955 मुर्गे-मुर्गियां भी मारे गए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
राज्य में सबसे ज्यादा नुकसान कांगड़ा जिले को हुआ है, जहां 1,318.93 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। इसके बाद मंडी में 1,263.64 करोड़, चंबा में 1,097.82 करोड़ और ऊना में 889.14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा दिखाता है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आपदा ने किस हद तक तबाही मचाई है।