Kangra: कृषि विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग में मिला 29वां रैंक, मात्र 50.18 अंक मिले

Edited By Vijay, Updated: 05 Sep, 2025 04:57 PM

agricultural university got 29th rank in nirf ranking got only 50 18 marks

एनआईआरएफ रैंकिंग में कृषि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट आई है। एनआईआरएफ ने प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को 29वां रैंक दिया है।

पालमपुर (भृगु): एनआईआरएफ रैंकिंग में कृषि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट आई है। एनआईआरएफ ने प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को 29वां रैंक दिया है। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय का प्रदर्शन पिछली बार से कम रहा है। पूर्व में देश के 75 कृषि विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों व आईसीएआर के संस्थानों में से यह विश्वविद्यालय 14वें रैंक पर था। रैंकिंग मापदंडों के विश्लेषण के अनुसार टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेज जिसमें शिक्षण, सीखना और संसाधन में 100 में से 72.97 अंक और ग्रैजुएट आऊटकम यानि स्नातक परिणाम में 73.04 का प्रदर्शन कुछ अच्छा रहा है जबकि अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास पिछली बार के 28 से कम होकर 24.71 अंक एवं पब्लिक परसेप्शन में पिछली बार के 32 से भी बहुत कम 13.14 अंक ही मिले हैं। कृषि विश्वविद्यालय को मात्र 50.18 अंक मिले हैं।

पूर्व कुलपति प्रो. अशोक सरयाल के अनुसार राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क 2025 में हिमाचल प्रदेश के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में स्थान बनाए रखने के बावजूद समग्र रैंकिंग में पिछड़ गए हैं। इस वर्ष देशभर के 173 कृषि एवं बागवानी उच्च शिक्षण संस्थानों ने रैंकिंग में भाग लिया। ऐसे में पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय को कृषि एवं संबद्ध श्रेणी में 29वें स्थान के बैंड में रखा गया, जबकि नौणी विश्वविद्यालय ने 20वां स्थान हासिल किया। गत वर्ष की तुलना में दोनों संस्थानों की स्थिति में गिरावट दर्ज हुई है।

विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, छात्रों और अस्थायी नेतृत्व के अथक प्रयासों के बावजूद रैंकिंग में गिरावट के पीछे कई संरचनात्मक चुनौतियां सामने आईं जैसे वर्षों से अनेक वैज्ञानिक व शिक्षण पद रिक्त, बढ़ती छात्र संख्या के कारण शिक्षकों पर अतिरिक्त भार, पिछले दो वर्षों से स्थायी कुलपति की नियुक्ति नहीं, अनुसंधान के लिए वित्तीय कटौती, अनुसंधान एवं पेटैंट में कमी और शोध-पत्रों की संख्या सीमित, राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक छवि और पहचान कमजोर, उद्योग व अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का अभाव। कृषि एवं बागवानी शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और रैंकिंग सुधारने के लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालयों में स्थायी नेतृत्व और प्रशासनिक सुधार सुनिश्चित हों। नए वैज्ञानिक पदों की भर्ती और शोध सुविधाओं का आधुनिकीकरण के साथ साथ अनुसंधान के लिए बजट का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए ताकि पेटैंट, स्टार्टअप और उच्च गुणवत्ता वाले शोध प्रकाशनों को बढ़ावा दिया जा सके।

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