23 फर्जी वैबसाइट बना लाखों की ठगी करने के मामले में 4 और चढ़े पुलिस के हत्थे

Edited By Vijay, Updated: 04 Feb, 2020 10:38 PM

4 more arrested in online fraud case

ईनाम में वाहन निकलने के सब्जबाग दिखाकर 23 फर्जी वैबसाइट से लाखों रुपए की ठगी करने वाले मामले में हमीरपुर पुलिस ने 4 और लोगों को गिरफ्तार किया है। हैदराबाद पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

हमीरपुर (ब्यूरो): ईनाम में वाहन निकलने के सब्जबाग दिखाकर 23 फर्जी वैबसाइट से लाखों रुपए की ठगी करने वाले मामले में हमीरपुर पुलिस ने 4 और लोगों को गिरफ्तार किया है। हैदराबाद पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें कि 2 फरवरी को संदीप (आर्यन) पुत्र अर्जुन पासवान निवासी गांव कबीरपुरा डाकघर लाल बीघा, पुलिस थाना शेखुपुरा सराय जिला शेखूपुरा बिहार और मानिक चंद पुत्र राजाराम पासवान निवासी मीर बीघा बरसालीन गंज जिला नवादा बिहार को गिरफ्तार किया गया था। अब तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें संदीप, मानिक चंद, तौसीफ अहमद व विकास कुमार शामिल है।

संदीप और मानिक चंद नाम के 2 लोगों को पहले हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान हैदराबाद पुलिस द्वारा इनसे कुल 11 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 2 पैन कार्ड, एक एप्सन कलर प्रिंटर व एक स्कॉर्पियो वाहन जब्त किया गया है। संदीप कुमार से पूछताछ के अनुसार तौसीफ अहमद को नकली वैबसाइट्स (flipcartwinprize.in) तैयार करने के लिए कहा था, जिसने आगे विकास कुमार को इन वैबसाइट्स को तैयार करने के लिए कहा। विकास कुमार ने संदीप के लिए 23 फर्जी वैबसाइट्स तैयार की हैं और उनका इस्तेमाल निर्दोष व्यक्तियों को ठगने के लिए कर रहे थे।

उक्त आरोपी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, अमेजन होमशॉप-18, नापतोल, यूनीग्लोब, क्लब फैक्ट्री, शॉप क्लूज आदि के ग्राहकों का डाटा बेस हासिल करते थे और उन्हें नियमित रूप से कॉल किया करते थे। सबसे पहले ये ग्राहक को बल्क एसएमएस भेजते थे और एसएमएस में उल्लेख किया करते थे कि आपने टाटा सफारी, टाटा नेक्सॉन कार या नकद राशि जैसे पुरस्कार जीते हैं। इसके बाद वे ग्राहकों को फोन करते थे और उन्हें उनके नाम से पुकारते थे और उन्हें एक विकल्प चुनने को भी कहते थे।

जब ग्राहक पुरस्कार राशि या वाहन लेने के लिए सहमत होते तो वे उनसे पंजीकरण शुल्क (5500 रुपए या 6500 रुपए) जमा करने और आगे की पूछताछ के लिए बताए गए टोल फ्री नंबर का उपयोग करने को कहते थे। ये एसएमएस और कॉल पर ग्राहक के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखते थे और जीएसटी, आयकर, उपहार कर आदि नाम पर उक्त आरोपी व्यक्तिगण द्वारा प्रदान किए गए बैंक खाते में जमा करवाते थे और उन्हें धोखा देते थे।

थाना बड़सर में दर्ज मामले में इन्होंने पीड़ित सोमदत्त और उसके बेटे इशांत को धोखा देकर अलग-अलग बैंकों के खातों में 14,62,300 रुपए डलवाए जो उन्हें शिवगुरु ऊर्फ पप्पू नाम के एक अन्य व्यक्ति द्वारा प्रदान किए गए थे। ये इस प्रकार ठगे गए पैसों को आपस में बांट लिया करते थे। ये सभी शिवगुरु ऊर्फ पप्पू, संदीप चौधरी, विपन और पंकज के साथ मिलकर कर रहे थे।

एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त आरोपी ग्राहकों के व्यक्तिगत विवरण और उनके बैंक खातों से जुड़ी सारी जानकारी हासिल करने के बाद इन बैंक खातों का उपयोग ठगे गए पैसे को लेने के लिए करते हैं। उक्त आरोपियों ने इन अकाऊंट नंबर को गूगल पे और पेटीएम के साथ जोड़ा है। फिर वे इस पैसे को दूसरे बैंक अकाऊंट नंबर में ट्रांसफर कर देते हैं और उस पैसे को एटीएम के जरिए निकाल लेते हैं।

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