Edited By Punjab Kesari, Updated: 11 Jun, 2017 03:31 PM
मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विश्व विख्यात वन्य प्राणी अभ्यारण्य स्थली खजियार इन दिनों खुला रैस्टोरैंट बना हुआ है।
खजियार: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विश्व विख्यात वन्य प्राणी अभ्यारण्य स्थली खजियार इन दिनों खुला रैस्टोरैंट बना हुआ है। इस मैदान में मौजूद प्रत्येक होटल व रैस्टोरैंट अपने फायदे के लिए इसे जितना जी चाहे उतना प्रयोग कर रहा है। ऐसे में यहां आने वाले सैलानी इस बात को हैरान हो जाते हैं कि आखिरी ये होटल व रैस्टोरैंट कैसे इस अवैध कार्य को वन्य प्राणी विभाग की आंखों के सामने अंजाम दे रहे हैं। चिंता की बात है कि इस वन्य प्राणी संरक्षण अभ्यारण्य मैदान को होटल व रैस्टोरैंट मालिकों ने अपने फायदे के लिए पूरी तरह से प्रयोग कर रखा है लेकिन विभाग खामोश है। यह बात और है कि जब वन मंत्री या कोई बड़ा अधिकारी खजियार आता है तो उस रोज ऐसा कुछ नजारा देखने को नहीं मिलता है लेकिन अधिकारी व मंत्री के जाते ही स्थिति फिर से पूर्व की भांति देखी जा सकती है।
विभाग व प्रशासन मूकदर्शक बना
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी खजियार मैदान में मौजूद निजी भूमि पर हुए निर्माण व अवैध निर्माण को हटाने का मामला विचाराधीन है। जिस पर कुछ लोगों ने स्टे ले रखा है लेकिन मैदान के जिस भाग को होटल व रैस्टोरैंट मालिक प्रयोग कर रहे हैं वह पूरी तरह से वन्य प्राणी अभ्यारण्य संरक्षण स्थल है। यानी उस स्थान पर किसी भी प्रकार की कोई भी गतिविधि नहीं हो सकती है। यह कानून यूं तो बेहद सख्त है लेकिन खजियार में जिस प्रकार से मनमानी हो रही है उसे देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वास्तव में ऐसा कोई कानून मौजूद है भी या नहीं। मजेदार बात यह है कि वन मंत्री के गृह जिले में वन्य प्राणी अभ्यारण्य संरक्षण स्थल में इससे जुड़े कानून की धज्जियां महज अपने लाभ के लिए उड़ाई जा रही हैं लेकिन विभाग व प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।