Edited By Jyoti M, Updated: 08 Sep, 2025 02:56 PM

वन मंडल नूरपूर के तहत ज्वाली रेंज की हौरी देवी विट में अब अवैध कटान का मामला सामने आया है। इस बार करीब 7 खैर के पेड़ अवैध रूप से काट डाले गए। लेकिन ये पहली बार नहीं है। ज्वाली रेंज बार-बार अवैध कटान का गढ़ बनती जा रही है। बड़ा सवाल यही उठता है कि...
रैहन (दुर्गेश कटोच)। वन मंडल नूरपूर के तहत ज्वाली रेंज की हौरी देवी विट में अब अवैध कटान का मामला सामने आया है। इस बार करीब 7 खैर के पेड़ अवैध रूप से काट डाले गए। लेकिन ये पहली बार नहीं है। ज्वाली रेंज बार-बार अवैध कटान का गढ़ बनती जा रही है। बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या वन विभाग की गश्त और निगरानी सिर्फ़ कागज़ों में ही है?
विभाग का बयान
डीएफओ नूरपूर (अतिरिक्त प्रभार) निशांत पराशर का कहना है कि उन्हें रेंज अफसर द्वारा सुबह फोन पर सूचना मिली थी कि 7 खैर के पेड़ कटे हैं। इस पर उन्होंने तत्काल रिपोर्ट माँगी और नियम अनुसार कार्रवाई करने तथा पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं।
असली सवाल यहीं से होते हैं शुरू
* क्या विभाग का काम सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करवाना भर है?
* हमेशा पेड़ कटने के बाद ही "एक्शन" क्यों याद आता है?
* अगर गश्त नियमित होती है, तो माफ़िया हर बार कैसे बच निकलते हैं?
* आखिर ये काटे गये पेड़ कहाँ जा रहे हैं और कौन इन्हें खरीद रहा है?
* कौन है वो नेटवर्क जो बार-बार विभाग की पकड़ से बाहर निकल जाता है?
प्रदेश पर कर्ज और जंगलों की लूट
हिमाचल प्रदेश पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। सरकार विकास कार्यों के लिए पैसों की कमी की बात करती है। मगर दूसरी ओर खैर जैसी कीमती लकड़ी का बार-बार अवैध कटान होना किसी बड़े सवालिया निशान से कम नहीं।
लगातार बढ़ते ये मामले अब महज़ "लापरवाही" नहीं लगते, बल्कि किसी सुनियोजित मिलीभगत का हिस्सा दिखाई देते हैं। जंगल हमारी साँसों का सहारा हैं। अगर इन्हें ऐसे ही ठेकेदारों और माफ़ियाओं के हवाले छोड़ दिया गया, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी।