Edited By Vijay, Updated: 11 Jun, 2025 05:00 PM

राजधानी शिमला में पेयजल व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से विश्व बैंक द्वारा पोषित परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए बुधवार को विश्व बैंक की एक टीम शिमला पहुंची।
शिमला (वंदना): राजधानी शिमला में पेयजल व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से विश्व बैंक द्वारा पोषित परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए बुधवार को विश्व बैंक की एक टीम शिमला पहुंची। टीम ने जल प्रबंधन कंपनी के महाप्रबंधक (जीएम) राजेश कश्यप और अन्य अधिकारियों के साथ संजौली रेजरवायर का दौरा किया। टीम ने अधिकारियों से शहर में जलापूर्ति की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली और जमीनी स्तर पर फीडबैक प्राप्त किया। इसके बाद टीम ने संजौली स्थित कंपनी के कार्यालय में नागरिकों की पानी से संबंधित समस्याओं और शिकायतों के निवारण के लिए स्थापित कस्टमर केयर सैंटर का भी निरीक्षण किया। टीम के अधिकारियों ने यह जानकारी ली कि आम लोगों को इस केंद्र पर किस प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी और उनकी समस्याओं का समाधान कैसे किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी स्वेज इंडिया कंपनी को सौंपी गई है और स्वेज की टीम ने भी विश्व बैंक के पदाधिकारियों को कस्टमर केयर सैंटर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस केंद्र का लक्ष्य 24 घंटे के भीतर लोगों की शिकायतों का निपटारा करना है।
मशोबरा में 24 घंटे पेयजल योजना का निरीक्षण
टीम ने मशोबरा में 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने वाली परियोजना के तहत पेयजल लाइनों को बिछाने के कार्य का भी दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। इस परियोजना का कार्य भी स्वेज इंडिया कंपनी को सौंपा गया है, जिसके तहत लोगों को 24 घंटे नलों में पानी मिल सकेगा। यह कार्य विश्व बैंक परियोजना के तहत किया जा रहा है, जिसके लिए मशोबरा से लाइनें बिछाई जानी हैं। इसके अलावा इस योजना को शहर के अन्य वार्डों में भी शुरू किया जाना है। इस दौरान विश्व बैंक की टीम ने रेजरवायर में पौधारोपण भी किया। कंपनी के जीएम राजेश कश्यप, अन्य अधिकारी और पार्षद इस दौरान मौके पर मौजूद रहे।
सतलुज नदी से पानी लिफ्टिंग परियोजना और अन्य योजनाओं की समीक्षा
विश्व बैंक की टीम अगले दो दिनों तक शिमला में रहेगी। इस दौरान वे शिमला शहर में पेयजल व्यवस्था को सुधारने के लिए सतलुज नदी से शिमला तक पानी लिफ्ट करने वाली परियोजना की भी समीक्षा करेगी। इस परियोजना का ट्रायल जून के अंत तक किया जाना है और टीम शकरोड़ी पहुंचकर इस योजना का भी जायजा लेगी। इसके अलावा टीम गिरी गुम्मा योजना का दौरा भी कर सकती है। विश्व बैंक परियोजना के तहत अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की जानी है, जिसमें पानी की परियोजनाओं के साथ-साथ सीवरेज परियोजनाओं की योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी।
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