Edited By Jyoti M, Updated: 18 Dec, 2025 10:40 AM

हिमाचल के मैदानी इलाकों में इन दिनों आसमान जमीन पर उतर आया है। पहाड़ों की रानी शिमला और ऊंचाई वाले इलाकों में जहां सुनहरी धूप सुकून दे रही है, वहीं बिलासपुर और मंडी जैसे जिलों में 'सफेद अंधेरे' (घना कोहरा) ने रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। कुदरत के...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल के मैदानी इलाकों में इन दिनों आसमान जमीन पर उतर आया है। पहाड़ों की रानी शिमला और ऊंचाई वाले इलाकों में जहां सुनहरी धूप सुकून दे रही है, वहीं बिलासपुर और मंडी जैसे जिलों में 'सफेद अंधेरे' (घना कोहरा) ने रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। कुदरत के बदलते मिजाज के बीच अब सैलानियों और स्थानीय लोगों को कड़ाके की ठंड के एक नए दौर के लिए तैयार रहना होगा।
सड़कों पर 'जीरो' हुई विजिबिलिटी, रेंगते दिखे वाहन
प्रदेश के जलाशयों और मैदानी बेल्ट में धुंध का पहरा इतना सख्त है कि सुबह-शाम का सफर जोखिम भरा हो गया है।
बिलासपुर और भाखड़ा क्षेत्र:
बुधवार की सुबह यहां कोहरे की चादर इतनी मोटी थी कि महज 50 मीटर की दूरी भी दिखाई नहीं दे रही थी। हाईवे पर गाड़ियां कछुआ चाल चलने को मजबूर रहीं।
सिरमौर (कालाअंब): औद्योगिक क्षेत्र में भी धुंध ने ट्रैफिक का गणित बिगाड़ दिया। भारी वाहनों की कतारें लगने से यात्रियों को काफी देरी का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग की चेतावनी: प्रशासन ने येलो अलर्ट जारी करते हुए ड्राइवरों को सलाह दी है कि वे फॉग लाइट्स का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें और गति को नियंत्रित रखें।
धूप की राहत और गिरता पारा
एक तरफ कोहरे ने परेशान किया, तो दूसरी तरफ शिमला सहित प्रदेश के मध्य क्षेत्रों में बुधवार को खिली धूप ने ठंड से थोड़ी राहत पहुंचाई। हालांकि, रात होते ही पहाड़ फिर से 'डीप फ्रीजर' बन रहे हैं।
न्यूनतम तापमान: प्रदेश के करीब एक दर्जन शहरों में पारा 5 डिग्री से नीचे लुढ़क चुका है।
सबसे ठंडे स्थान: कुकुमसेरी और ताबो में तापमान शून्य से काफी नीचे (-6.0 और -5.4 डिग्री) दर्ज किया गया है, जो जमा देने वाली ठंड का संकेत है।
पर्यटन और बर्फबारी का इंतजार
पर्यटकों के लिए अच्छी खबर यह है कि रोहतांग, शिंकुला और जलोड़ी जैसे ऊंचे दर्रों पर फिलहाल आवाजाही सुचारू है और भारी संख्या में लोग बर्फ के दीदार के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन असली रोमांच 20 और 21 दिसंबर को आने वाला है, जब ऊंचाई वाले इलाकों में ताज़ा हिमपात और बारिश की संभावना जताई गई है। इससे आने वाले दिनों में समूचे प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप बढ़ सकता है।