Edited By Jyoti M, Updated: 17 Dec, 2025 11:41 AM

हिमाचल प्रदेश इन दिनों कुदरत के दो अलग-अलग रंगों से रूबरू हो रहा है। जहाँ एक ओर पहाड़ चिलचिलाती धूप में तप रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मैदानी इलाके धुंध की सफेद चादर में लिपटे हुए हैं। लंबे समय से चल रहे सूखे (Dry Spell) के बीच अब आसमान से राहत की उम्मीद...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश इन दिनों कुदरत के दो अलग-अलग रंगों से रूबरू हो रहा है। जहाँ एक ओर पहाड़ चिलचिलाती धूप में तप रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मैदानी इलाके धुंध की सफेद चादर में लिपटे हुए हैं। लंबे समय से चल रहे सूखे (Dry Spell) के बीच अब आसमान से राहत की उम्मीद जागी है, क्योंकि एक नया मौसमी सिस्टम दस्तक देने वाला है।
वर्तमान स्थिति: धूप और ठिठुरन का मिला-जुला खेल
बीते मंगलवार को प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में आसमान बिल्कुल साफ रहा। राजधानी शिमला से लेकर मनाली तक दिन के समय सूरज के तेवर तीखे रहे, जिससे अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। लेकिन रात होते ही ऊंचे इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ताबो और कुकुमसेरी जैसे क्षेत्रों में पारा शून्य से काफी नीचे गिर चुका है, जिससे वहां जनजीवन पूरी तरह जम गया है।
इसके उलट, निचली घाटियों और मैदानी जिलों जैसे बिलासपुर और मंडी में सूरज और कोहरे की लुका-छिपी जारी है। सुबह और देर शाम घना कोहरा दृश्यता (Visibility) को काफी कम कर रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी: कोहरे का 'येलो अलर्ट'
शिमला स्थित मौसम केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार, अगले दो दिन यानी 17 और 18 दिसंबर को मैदानी इलाकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
बिलासपुर (भाखड़ा जलाशय क्षेत्र) और मंडी (बल्ह घाटी) में भारी कोहरे की आशंका को देखते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है।
वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे सुबह और रात के समय बेहद सावधानी से सफर करें।
बर्फबारी की आस: सक्रिय हो रहा है 'वेस्टर्न डिस्टरबेंस'
पर्यटकों और किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि 17 दिसंबर की रात से एक ताजा 'पश्चिमी विक्षोभ' हिमालयी क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है। इसके प्रभाव से:
20 और 21 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचे पर्वतीय जिलों में बारिश और बर्फबारी की प्रबल संभावना है।
बाकी क्षेत्रों में 22 दिसंबर तक मौसम मुख्य रूप से शुष्क ही बना रहेगा।
अगले 3 से 4 दिनों तक तापमान में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलेगा।