Edited By Jyoti M, Updated: 30 Jul, 2025 02:47 PM

इंदौरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बलीर के बगनाल गांव के लोग आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। आजादी के 75 वर्षों के बाद भी यह गांव मुख्य सड़क से नहीं जुड़ पाया है। बरसात के मौसम में हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि ग्रामीणों की...
डमटाल, (सिमरन): इंदौरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बलीर के बगनाल गांव के लोग आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। आजादी के 75 वर्षों के बाद भी यह गांव मुख्य सड़क से नहीं जुड़ पाया है। बरसात के मौसम में हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि ग्रामीणों की आवाजाही तक बाधित हो जाती वही गांव में घटित एक घटना ने प्रशासन के विकास के दावों की पोल खोल दी गांव की एक महिला का ऑप्रेशन हुआ, लेकिन सड़क न होने के कारण उसे चारपाई पर लेटाकर खड्ड पार करवाया गया और उसका उपचार करवाया गया।
जनता का दर्द
गांववासियों का कहना है कि चुनाव के समय राजनेता बड़े-बड़े वायदे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद इस गांव को कोई नहीं पूछता। महिलाओं, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर खड्ड पार करनी पड़ती है। ग्रामीणों ने कहा कि मात्र वोट लेने के लिए नेता उनके गांव आते हैं उन्होंने आरोप लगाया कि आजतक गांव मूलभूत सुविधाओं को पाने के लिए जूझ रहा है लोगों ने प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई है कि उनके गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा जाए नहीं तो किसी नेता को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
समाधान के लिए प्रस्ताव भी तैयार
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अनूप उप्पल ने बताया, बरसात के चलते रास्ता और अधिक खराब हो गया है। विभाग जल्द ही इसे अस्थायी रूप से ठीक करवाएगा और स्थायी समाधान के लिए प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है।
जल्द समस्या का होगा समाधान
इंदौरा के विधायक मलेंद्र राजन ने बताया कि राजनीति से ऊपर उठकर लोगों की समस्याओं का निवारण करना ही उनकी प्राथमिकता है बलीर को पेश गांववासियों आ रही समस्या के लिए संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर जल्द लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
पूर्व विधायक ने लगाए लापरवाही के आरोप
पूर्व भाजपा विधायक रीता धीमान ने मौजूदा सरकार और उनके नुमाइंदों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की पक्षपात राजनीति कर रही है उन्होंने बताया कि,मेरे कार्यकाल में बगनाल गांव के रास्ते के लिए टैंडर स्वीकृत हुआ था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। गांव की दुर्दशा देखकर दुख होता है। सरकार को जल्द इस ओर कदम उठाने चाहिए।