सोलन की मानव भारती यूनिवर्सिटी का पीड़िता ने खोला चिट्ठा

Edited By Vijay, Updated: 15 Mar, 2020 11:45 PM

vicitim open the secret of manav bharti university

सोलन जिला में स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी के गोरखधंधे का पर्दाफाश करने पीड़िता सामने आ गई है। शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता में फर्जी डिग्री को लेकर पीड़िता ने यूनिवर्सिटी का कच्चा चिट्ठा खोला है। हरियाणा की रहने वाली पीड़िता ममता ने आरोप लगाए हैं कि...

शिमला (ब्यूराे): सोलन जिला में स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी के गोरखधंधे का पर्दाफाश करने पीड़िता सामने आ गई है। शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता में फर्जी डिग्री को लेकर पीड़िता ने यूनिवर्सिटी का कच्चा चिट्ठा खोला है। हरियाणा की रहने वाली पीड़िता ममता ने आरोप लगाए हैं कि जब उसकी वर्ष 2009 में बीए की पढ़ाई पूरी हुई तो उसके बाद एमए में दाखिले के लिए हरियाणा के कई कॉलेजों में प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। उसने प्रचार माध्यम पर मानव भारती यूनिवर्सिटी में दाखिला संबंधी विज्ञापन देखे और विज्ञापन पर दिए गए चेयरमैन एवं एक अन्य महिला के नंबर पर संपर्क किया तभी उसे करनाल स्थित एक स्टडी सैंटर में बुलाया गया और अधिकारी ने 50,000 रुपए लेकर एमए मनोविज्ञान में दाखिला दे दिया।

करनाल में खुले स्टडी सैंटर में लगी कक्षाएं

पीड़िता का कहना है कि इन लोगों ने यह भी बताया कि यूनिवर्सिटी का भवन अभी निर्माणाधीन है इसलिए सभी कोर्स की कक्षाएं करनाल में खुले स्टडी सैंटर में लगेंगी। इस सैंटर में 15 से 20 छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया। वर्ष 2011 में एमए मनोविज्ञान उत्तीर्ण की। पीड़िता का कहना है कि 2012 में यूनिवर्सिटी में बताए गए पते पर 250 रुपए का ड्राफ्ट भेजा और अपनी डिग्री की वैरीफिकेशन मांगी। यूनिवर्सिटी द्वारा वैरीफाई भी कर दिया गया। इस दौरान हरियाणा लोक सेवा आयोग ने रोजगार अधिकारियों में पदों का विज्ञापन निकाला और 2014 में सहायक रोजगार अधिकारी पद पर चयन हो गया।

4 वर्ष तक सब कुछ ठीक चला

पीड़िता का कहना है कि 4 वर्ष तक सब कुछ ठीक चला। यहां तक कि विभाग द्वारा डिग्री की भी जांच करवाई गई, जिसे मानव भारती यूनिवर्सिटी ने सही बताया। पीड़िता का कहना है कि 2018 में उसके ननदोई संदीप श्योराण व उसके छोटे भाई जगदीप ने उसे डराना-धमकाना शुरू किया। उन्होंने यूनिवॢसटी से सांठ-गांठ करके 22 छात्रों की डिग्रियां फर्जी होने का पत्र जारी करवा दिया और हिमाचल के धर्मपुर थाने व हरियाणा के रोजगार विभाग को भेज दिया। पीड़िता का कहना है कि हरियाणा रोजगार विभाग ने उसके खिलाफ पंचकूला में एफआईआर दर्ज करवाई, वहीं धर्मपुर थाना पुलिस ने 22 में से सिर्फ एक ही पर एफआईआर दर्ज की। जब डिग्री को फर्जी बताया गया तो उसे नौकरी से भी सस्पैंड कर दिया गया। पीड़िता ने मांग की है कि धोखाधड़ी करने वाली मानव भारती यूनिवर्सिटी के खिलाफ उज्जतम न्यायालय के जज द्वारा जांच होनी चाहिए।

एसआईटी ने 1375 खाली डिग्रियां व बिना जांची उत्तर पुस्तिका की बरामद

पीड़िता का कहना है कि जब वे हिमाचल के महानिदेशक एसआर मरड़ी से मिले तो उन्होंने सारा मामला सुना और उसी समय एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने रातोंरात यूनिवर्सिटी में छापा मारा और 1,375 खाली डिग्रियां और बिना जांची उत्तर पुस्तिका बरामद की।

12000 रुपए की दी रसीद

पीड़िता का कहना है कि जब करनाल स्थित सैंटर में एमए मनोविज्ञान में दाखिला लिया तो उस दौरान पैसे तो 50,000 दिए लेकिन जब रसीद की बात की गई तो 12,000 रुपए की ही दी गई। 

जांच घेरे में कुछ अन्य यूनिवर्सिटीज

पीड़िता के साथ आए हिमाचल सरकार और हरियाणा के पूर्व छात्र नेता संपूर्ण सिंह ने कहा कि मानव भारती यूनिवॢसटी के अलावा कुछ और निजी यूनिवॢसटीज फर्जी डिग्रियां बेचने का काम करती हैं। 

सैंटर में इन राज्यों के छात्रों ने भी लिया प्रशिक्षण

पीड़िता का कहना है कि करनाल स्थित सैंटर में मध्य प्रदेश, बिहार और शिमला के भी छात्रों ने कोर्स पूरा किया है। इन छात्रों को भी ऐसी ही डिग्रियां दी गई हंै।

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