विधानसभा : सदन में आऊटसोर्स भर्तियों को लेकर शोर-शराबा, मुकेश अग्निहोत्री ने घेरी भाजपा

Edited By Vijay, Updated: 24 Mar, 2023 10:14 PM

uproar in house over outsourced recruitment

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान जल शक्ति विभाग में आऊटसोर्स भर्तियों को लेकर शोर-शराबा हुआ। ये भर्तियां पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुई थीं।

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान जल शक्ति विभाग में आऊटसोर्स भर्तियों को लेकर शोर-शराबा हुआ। ये भर्तियां पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुई थीं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक प्रकाश राणा, रणधीर शर्मा व विपिन सिंह परमार के संयुक्त सवाल के जवाब में कहा कि जल शक्ति विभाग में सरकार 5 हजार भर्तियां करने जा रही है और इन भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।

पूर्व सरकार ने सराज और धर्मपुर में कर दीं अधिकांश भर्तियां
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में जल शक्ति विभाग में हुई भर्तियों में राजनीति की गई अधिकांश भर्तियां अकेले सराज और धर्मपुर से ही कर दी गईं। धर्मपुर से 950 और सराज से 450 लोग आऊटसोर्स पर रखे गए। उन्होंने कहा कि अपने लोगों की भर्ती के लिए अलग-अलग तौर-तरीके अपनाए गए। आलम यह है कि प्रदेश स्तर पर आऊटसोर्स पर भर्तियां करने के लिए विभाग के अधिशासी अभियंता ने सरकाघाट से ही टैंडर कर दिया, जबकि यह टैंडर प्रदेश मुख्यालय स्तर से होना चाहिए था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भॢतयों में अपने चहेतों को रखा जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने आऊटसोर्स कर्मचारी देने वाली कंपनियों को 38 करोड़ रुपए दिए, बावजूद इसके कर्मचारियों को पूरा पैसा नहीं मिला। इस दौरान पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच नोक-झोंक चलती रही।

योजनाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए लगाए जा रहे टैंडर
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जो पेयजल अथवा सिंचाई योजनाएं बिना कर्मचारियों के हैं, उन्हें सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कीम वाइज टैंडर लगाने को कहा गया है और इन्हें चलाने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने विभाग में आऊटसोर्स पर रखे गए किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला है। केवल वे कर्मचारी विभाग से बाहर गए हैं, जिनका काॅन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है। 

आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाना सरकार का नीतिगत मामला
इससे पूर्व मूल प्रश्न के उत्तर में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग में रखे गए आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाना सरकार का नीतिगत मामला है। उन्होंने कहा कि 15 दिसम्बर 2022 से 21 फ रवरी 2023 तक 559 आऊटसोर्स कर्मचारियों को हटाया गया तथा किसी को भी भर्ती नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल शक्ति विभाग में आऊटसोर्स पर 130 पंप ऑप्रेटर, 32 पैरा फिटर और 85 चौकीदारों के पद पर कर्मचारियों को मिलाकर कुल 247 कर्मचारी कार्यरत हैं। 

कर्मचारियों को नहीं मिल रहा वेतन : प्रकाश राणा
अनुपूरक सवाल करते हुए विधायक प्रकाश राणा ने कहा कि आऊटसोर्स पर रखे कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। रणधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण विषय का राजनीतिक जवाब दे रहे हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से जानना चाहा कि विभाग से जो आऊटसोर्स कर्मचारी हटाए गए हैं, उनके लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। हटाए गए कर्मचारियों के कारण पेयजल स्कीमें बंद हो गई हैं। 

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