कुल्लू में स्थापित किया जाएगा बुनकर सेवा व डिजाइन रिसोर्स सैंटर : पीयूष गोयल

Edited By Vijay, Updated: 26 Sep, 2021 09:39 PM

union minister piyush goyal in kullu

कुल्लू में बुनकर सेवा व डिजाइन रिसोर्स केंद्र की स्थापना होगी। केंद्र राज्य के खूबसूरत हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनके निर्यात के लिए बेहतर मंच प्रदान करेगा।

कुल्लू (ब्यूरो): कुल्लू में बुनकर सेवा व डिजाइन रिसोर्स केंद्र की स्थापना होगी। केंद्र राज्य के खूबसूरत हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनके निर्यात के लिए बेहतर मंच प्रदान करेगा। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कुल्लू के अटल सदन में हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वॢणम जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सेवा व समर्पण अभियान के अंतर्गत हस्तशिल्प एवं हथकरघा कारीगरों के साथ एक संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि कही। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। गोयल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हस्तशिल्प की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। बुनकर सेवा केंद्र में कारीगरों का कौशल उन्ययन, उन्हें आधुनिक उपकरण प्रदान करना व नए डिजाइन तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यदि इस केंद्र के लिए पहले से तैयार कोई भवन उपलब्ध है तो इसका संचालन तुरंत आरंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजाइनिंग, गुणवत्ता, पैकेजिंग तथा विपणन को आधुनिक बनाने पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों के बढ़िया दाम मिले।

प्रदर्शनियों का हो आयोजन

केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश के उत्पादों का बड़े शहरों के अलावा कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों तथा 5 सितारा होटलों में जिलावार प्रदर्शनियां आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि इनकी ब्रांडिंग राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो। उन्होंने बुनकरों से कहा कि वे अपना ट्रेडमार्क प्राप्त करें, जिसके लिए केंद्र सरकार ने पंजीकरण शुल्क 80 फीसदी कम कर दिया है। केंद्र सरकार ने हस्तशिल्प वस्तुओं के प्रोत्साहन के लिए एक समिति का गठन भी किया है जो इनकी गुणवत्ता, डिजाइन व विपणन को बेहतर बनाने के सुझाव सरकार को देगी। उन्होंने इसी प्रकार की समिति हिमाचल प्रदेश में गठित करने का सुझाव दिया। पीयूष गोयल ने जिला के उद्यमियों के साथ परस्पर संवाद किया। उन्होंने स्थानीय हस्तशिल्प व हथकरघा कारीगरों को वुड क्राफ्ट, हथकरघा, कढ़ाई मशीन व प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
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बुनकरों द्वारा लगाई प्रदर्शनी को निहारा

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा मुख्यमंत्री जयराम ने कुल्लू में बुनकरों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर हथकरघा व हस्तशिल्प पर एक लघु वृत्तचित्र भी दिखाया गया, जिसमें जिला में इस क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख किया गया है। डाॅ. सूरत ठाकुर ने हमारे लोक गीतों में हस्तशिल्प विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए जिसकी केंद्रीय मंत्री ने सराहना की।
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अटल टनल बारे भी जाना

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ अटल टनल को निहारा। बीआरओ अटल टनल रोहतांग के चीफ इंजीनियर वीके सिंह ने केंद्रीय मंत्री को अटल टनल की खूबियों बारे विस्तृत जानकारी दी। वीके सिंह ने बताया कि अटल टनल बनने से कारगिल सहित लेह-लद्दाख की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। कारगिल के लिए शिंकुला में टनल बनना प्रस्तावित है जबकि लेह मार्ग पर 3 टनलें बननी हैं। इन सभी टनलों का निर्माण हो जाने के बाद लेह व कारगिल मनाली से 12 महीने जुड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री को सेरी नाले के रिसाव की जानकारी सांझा करते हुए कहा कि नाले के रिसाव ने बहुत तंग किया और ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि आगे बढ़ा जाए या न बढ़ा जाए। बीआरओ अधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेने के बाद केंद्रीय मंत्री ने बीआरओ की विजिटर बुक में संदेश भी लिखा। टनल को निहारने के बाद बीआरओ की सराहना की और कहा कि शिंकुला, बारालाचा, तंगलंगला, लाचुंगला में भी सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। पत्रकारों से बातचीत में पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधाममंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरहदों तक पहुंचना आसान हो रहा है। अटल टनल रोहतांग के बनने से सेना की राह भी आसान हुई है। गोयल ने कहा कि वे 23 साल बाद मनाली आए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो उनसे मिलने 23 साल पहले मनाली आए थे उनके मनाली निवास में भेंट हुई थी।
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हथकरघा कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाए गए हैं आवश्यक कदम : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लू अटल सदन में हथकरघा कारीगरों से संवाद कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश के कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में वर्तमान में 13572 पंजीकृत बुनकर हैं जिनकी आजीविका बुनाई व कढ़ाई के हुनर से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि कुल्लू शाॅल व टोपी सहित चम्बा रूमाल व किन्नौरी शॉल को जीआई टैग मिल चुके हैं। बुनकरों के लिए ऑनलाइन बिक्री मंच की सुविधा प्रदान करने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है जिसके माध्यम से प्रदेश के उत्पादों एवं कला को पहचान मिलेगी। कुल्लू के हस्तशिल्प विशेषकर टोपी व शॉल की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। दिल्ली की संसद में कुल्लवी टोपी अक्सर देखी जा सकती है। कोई भी राष्ट्राध्यक्ष जब भारत आता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल्लवी टोपी व मफलर से उनका स्वागत करते हैं और इससे हिमाचल प्रदेश का गौरव बढ़ता है।
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कोविड संकट से हथकरघा व्यवसाय भी अछूता नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संकट के दौरान पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ और हथकरघा व्यवसाय भी इससे अछूता नहीं रहा है। प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा शिल्पकार हैं जिन्हें परोक्ष रूप से नुक्सान पहुंचा है। प्रदेश में कोविड का बेहतर प्रबंधन किया गया और मरीजों को ऑक्सीजन व बिस्तरों की कमी नहीं आने दी गई। उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्ति को 45 मीट्रिक टन तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।

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