Shimla: सचिवालय के बाहर बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन, सरकार को याद दिलाई रोजगार की गारंटी

Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2024 07:55 PM

unemployed youth demonstrated outside the secretariat

हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों बेरोजगारों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ सचिवालय के बाहर जमकर हल्ला बोला है। बेरोजगार सरकार को रोजगार की गारंटी की याद दिलाने सचिवालय पहुंचे।

शिमला (अम्बादत्त): हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों बेरोजगारों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ सचिवालय के बाहर जमकर हल्ला बोला है। बेरोजगार सरकार को रोजगार की गारंटी की याद दिलाने सचिवालय पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान बेरोजगारों ने कहा कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले 5 साल में 5 लाख नौकरियां देने का वायदा किया था। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी चुनाव के दौरान एक लाख नौकरियां देने की गारंटी दी थी, ऐसे में अगर सरकार कुछ नहीं करती है तो आने वाले दिनों में बेरोजगार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी घेराव करेंगे। बता दें कि एक तरफ सचिवालय के अंदर प्रदेश कैबिनेट की बैठक चल रही थी वहीं दूसरी तरफ सचिवालय के बाहर सरकार के खिलाफ बेरोजगार नारेबाजी कर रहे थे। 

बेरोजगारी में नंबर वन राज्य बन गया हिमाचल : बालकृष्ण
शिक्षित बेरोजगार संघ का कहना है कि सरकार नए पदों को विज्ञापित नहीं कर रही है। इसके अलावा बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री को 8 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि हिमाचल प्रदेश बेरोजगारी में नंबर वन राज्य बन गया है। यह सरकार की असफलता है। राज्य चयन आयोग ठप्प पड़ा है। जो भर्तियां हो रही हैं वो आऊटसोर्स और रिटायर्ड लोगों की हो रही हैं। वे मुख्यमंत्री से 8 सूत्रीय मांग को लेकर मिलना चाहते हैं। सरकार ने कमीशन से 1460 के करीब भर्तियां की हैं जबकि 28 हजार नौकरियां देने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं की ये भर्तियां कब और कैसे हुई हैं। उन्होंने नकल विरोधी कानून बनाने के साथ निश्चित समयावधि में उनकी मांगों पर गौर करने की मांग की। बालकृष्ण ने बताया कि सरकार को बने लगभग 2 साल होने जा रहे हैं। मगर इस दौरान कमीशन के माध्यम से सिर्फ एक हजार के करीब लोगों को ही नौकरियां दी गई हैं। सरकार जरूरत के हिसाब से आऊटसोर्स कर्मचारी रख रही है। करीब 10 हजार पद आऊटसोर्स पर भरे गए हैं।

8 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवा परेशान
बेरोजगार युवाओं ने कहा कि नया राज्य चयन आयोग पूरी तरह फंक्शनल नहीं हो पाया। इससे कैबिनेट द्वारा मंजूर पद पर भी भर्तियां शुरू नहीं हो पा रही हैं। इससे राज्य के 8 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवा परेशान हैं। इनमें हजारों युवा ऐसे हैं, जिन्हें ओवर-एज होने का डर सता रहा है। बेरोजगार युवाओं ने आऊटसोर्स भर्तियों और रिटायरियों को पुन: रोजगार व सेवा विस्तार का विरोध किया। कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो आऊटसोर्स भर्ती का निरंतर विरोध करती रही और पक्की नौकरी देने का वायदा करके सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि अब जब खुद सत्ता में आई तो आऊटसोर्स पर भर्तियां कर रही है।

प्रदेश में 60 हजार पद खाली
बेरोजगार युवाओं का दावा है कि आरटीआई के तहत मिली सूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में लगभग 60 हजार पद खाली पड़े हैं। प्रियंका गांधी ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान इन पदों को जल्द भरने का वादा किया था। गौरतलब है कि दिसम्बर 2022 में जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आई तो स्टाफ सिलैक्शन कमिशन में पेपर लीक फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके बाद सरकार ने इसे भंग कर दिया। तब मुख्यमंत्री ने भर्तियों में धांधलियां रोकने के लिए बेरोजगारों से 4 महीने का वक्त मांगा था। मगर नया आयोग अभी भी फंक्शनल नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी बातें नहीं मानती है तो प्रदेश भर में आंदोलन होंगे।

धरना-प्रदर्शन के दौरान लगा जाम
बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन के कारण सचिवालय के बाहर कुछ समय के लिए वाहनों के पहिए पूरी तरह से थम गए। मगर पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को एक तरफ करने के बाद वाहनों को रोक-रोक कर भेजना शुरू कर दिया। ऐसे में छोटा शिमला से जाने वाले सभी लोग दिनभर ट्रैफिक जाम में फंसे रहे।
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