Edited By Rahul Singh, Updated: 07 Aug, 2024 04:18 PM
बड़सर विधानसभा क्षेत्र की संहारी पंचायत के बरला गांव के लोगों को आजादी के 78 वर्ष बाद भी सड़क सुविधा नहीं मिल पा रही। बात दें कि जब गांव का कोई व्यक्ति बिमार हो जाता है तो उसे पालकी में या ट्रैक्टर पर बिठाकर 2 किलोमीटर का सफर करके मुख्य सड़क तक...
हमीरपुर, (सुभाष धीमान): बड़सर विधानसभा क्षेत्र की संहारी पंचायत के बरला गांव के लोगों को आजादी के 78 वर्ष बाद भी सड़क सुविधा नहीं मिल पा रही। बात दें कि जब गांव का कोई व्यक्ति बिमार हो जाता है तो उसे पालकी में या ट्रैक्टर पर बिठाकर 2 किलोमीटर का सफर करके मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। लोगों ने स्थानीय विधायक और पंचायत प्रतिनिधियों के पास कई बार समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई लेकिन हर बार आश्वासन ही मिले और कोई सुधार नहीं हुआ।
बताते चलें कि सीहारी पंचायत के बरला गांव में लगभग 12 परिवार रहते हैं जिनको पैदल जंगल और नालों से होकर गुजरना पड़ता है। लोगों के पास न तो मरीज को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था है और न ही पैदल चलने के लिए कोई रास्ता। अगर थोड़ी सी भी बारिश हो जाए तो स्कूली बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है या फिर स्कूल न जाकर घर में ही रुकना पड़ता है।
बजट स्वीकृत न होने से नहीं बन पा रही एम्बुलैंस योग्य सड़क: रणजीत सिंह
इस सन्दर्भ में जब सोहारी पंचायत के प्रधान रणजीत सिंह बब्बी से जानकारी ली गई तो उन्होंने माना कि बरला गांव के लोगों की मांग जायज है लेकिन इस गांव की सड़क के लिए हर बार पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित करके विभाग को भेजा लेकिन विभाग ने सार्वजनिक कार्यों के लिए राशि स्वीकृत करने से इन्कार कर दिया।
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गत वर्ष आपदा से हुए नुकसान के संदर्भ में भी इस गांव के लिए राशि स्वीकृत करने के लिए प्रस्ताव भेजा था लेकिन कोई राशि स्वीकृत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि पंचायत गांव के लिए कम से कम एम्बुलैस योग्य सड़क बनाने की हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन बजट स्वीकृत न होने से निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है।