Edited By Jyoti M, Updated: 24 Jun, 2025 11:45 AM

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है और इसके साथ ही पूरे राज्य में बारिश का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जबकि मैदानी और निचले इलाकों में मौसम तुलनात्मक रूप से साफ बना...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है और इसके साथ ही पूरे राज्य में बारिश का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जबकि मैदानी और निचले इलाकों में मौसम तुलनात्मक रूप से साफ बना रहा। हालांकि, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
24 से 29 जून तक पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 24 जून से 29 जून तक पूरे हिमाचल प्रदेश में बारिश होने की प्रबल संभावना है। यह मानसून की शुरुआत का संकेत है, जिसके चलते राज्य भर में मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
24, 28 और 29 जून को मध्यम पर्वतीय, मैदानी और निचले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। इन तारीखों पर कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। 25, 26 और 27 जून को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया गया है। इन तीन दिनों में पूरे प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। पिछले 24 घंटों में मुरारी देवी, कोठी, पालमपुर, मंडी और मनाली जैसे कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जो मानसून के आगमन का प्रमाण है।
जनता के लिए चेतावनी
मौसम विभाग ने आगामी भारी बारिश को देखते हुए आम जनता के लिए विशेष एहतियाती चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित आपदा से बचने के लिए महत्वपूर्ण है।
पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने की आशंका है। भारी बारिश के कारण मिट्टी ढीली हो सकती है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। इससे सड़कें बंद हो सकती हैं, जिससे यातायात और आवाजाही में बड़ी दिक्कतें आ सकती हैं।
निचले इलाकों में जलभराव और अचानक बाढ़ की स्थिति बन सकती है। शहरी और निचले क्षेत्रों में जल निकासी प्रणाली पर अधिक दबाव पड़ने से पानी भर सकता है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे अचानक बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है।
नागरिकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के कारण नदियों और नालों के पास जाना खतरनाक हो सकता है। बच्चों और जानवरों को इनसे दूर रखने के लिए विशेष सावधानी बरतें।
अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो मौसम की जानकारी लेकर और पूरी तैयारी के साथ ही निकलें।