Edited By Kuldeep, Updated: 07 Jan, 2025 05:27 PM
वन विभाग गिरे व बरामद पेड़ों की लकड़ी के लॉग व स्लीपर की ऑक्शन करेगा। इस कड़ी में विभाग 234 लॉग की ऑक्शन करने जा रहा है। इसमें देवदार, कायल व चील की लकड़ी के लॉग शामिल हैं।
शिमला (भूपिन्द्र) : वन विभाग गिरे व बरामद पेड़ों की लकड़ी के लॉग व स्लीपर की ऑक्शन करेगा। इस कड़ी में विभाग 234 लॉग की ऑक्शन करने जा रहा है। इसमें देवदार, कायल व चील की लकड़ी के लॉग शामिल हैं। इनकी ऑक्शन वन मंडल स्तर पर यानि डीएफओ कार्यालय में करने को कहा है। इसके बाद विभाग ने इस दिशा में कार्य भी शुरू कर दिया है। शिमला में वन विभाग ने उन पेड़ों को काटा है, जो लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। इसके अलावा विभाग ने भारी संख्या में वन माफिया द्वारा काटे गए पेड़ों को भी बरामद किया है। साथ ही बरसात के दिनों में भारी संख्या में जंगलों में पेड़ गिर जाते हैं। पहले यह पेड़ जंगलों में ही सड़ते रहते थे, लेकिन अब वन विभाग इन्हें उठा रहा है।
इन पेड़ों को जंगल से निकाल कर वन निगम के स्टोर तक पहुंचाया जा रहा है। पहले इन सब पेड़ों की लकड़ी को वन निगम के डिपो तक पहुंचाया जाता था तथा फिर उनकी नीलामी की जाती थी। इसमें वन निगम व वन विभाग को इनके परिवहन में पैसे खर्च करने पड़ते थे, जिस कारण लोगों को यह महंगे दामों पर मिलते थे। इसे देखते हुए सरकार ने अब इन पेड़ों की लकड़ी को वन मंडल स्तर पर ही नीलाम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब वन मंडल स्तर पर ही पेड़ों की लकड़ी को खुली बोली द्वारा बेचा जा रहा है। इसे कोई भी खरीद सकता है। इससे उन आम लोगों को फायदा हुआ है, जिन्हें अपने घरों के लिए लकड़ी की आवश्यकता है। वन विभाग तथा वन निगम ने आपदा के दौरान गिरे पेड़ों को उठाने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है। इसके तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गिरे पेड़ों के स्लीपर बनाए जा रहे हैं तथा फिर उन्हें स्टोर तक पहुंचाया जाएगा। जो पेड़ सड़क के करीब गिरे हैं, उनके सीधे लॉग बनाए जा रहे हैं। वहीं जो सड़क से दूर हैं, उन पेड़ों से स्लीपर तैयार किए जा रहे हैं, ताकि इन्हें आसानी से सड़क तक पहुंचाया जा सके।