Edited By Vijay, Updated: 13 Jul, 2025 07:26 PM

जल शक्ति विभाग नाहन मंडल के अंतर्गत बर्मापापड़ी में सिंचाई योजना का स्टोरेज टैंक और पंप हाऊस का कमरा हवा में लटक रहे हैं। यह योजना रुण नदी के साथ बनी है। आरोप है कि पिछले काफी समय से न तो स्टोरेज टैंक और न ही पम्प हाऊस के कमरे की सुध ली जा रही है।
नाहन (आशु): जल शक्ति विभाग नाहन मंडल के अंतर्गत बर्मापापड़ी में सिंचाई योजना का स्टोरेज टैंक और पंप हाऊस का कमरा हवा में लटक रहे हैं। यह योजना रुण नदी के साथ बनी है। आरोप है कि पिछले काफी समय से न तो स्टोरेज टैंक और न ही पम्प हाऊस के कमरे की सुध ली जा रही है। इसके चलते दोनों कभी भी नदी में समा सकते हैं। नदी किनारे बड़े स्तर पर भूमि कटाव के कारण टैंक के आधे हिस्से के नीचे से जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है। पंप हाऊस के कमरे का भी एक हिस्सा नदी किनारे हवा में लटक रहा है। लिहाजा यहां हादसे से भी इंकार नहीं किया सकता।
ग्रामीणों ने भेजीं मौके की तस्वीरें
स्थानीय लोगों नरेंद्र सिंह, जीवन सिंह, रणधीर सिंह सुशील और नरेश आदि ने रविवार को पंजाब केसरी को मौके की तस्वीरें भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए जल शक्ति विभाग से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस सिंचाई योजना से बर्मापापड़ी क्षेत्र के सैंकड़ों किसान लाभान्वित होते हैं। रुण नदी के किनारे बनी इस योजना का स्टोरेज टैंक नदी की तरफ हवा में लटक रहा है। टैंक के आधे हिस्से के नीचे से जमीन पानी के बहाव के साथ नदी में बह चुकी है।
टैंक को गिरने से बचाने के लिए पाइप का सहारा
हैरानी इस बात की है कि टैंक को गिरने से बचाने के लिए एकमात्र पाइप का सहारा दिया गया है, लेकिन इसकी मुरम्मत करवाने की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। यह समस्या पिछले करीब 2 सालों से बनी हुई है और दिन-प्रतिदिन यह समस्या बढ़ती जा रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने और तेज बहाव में कभी भी यह टैंक पानी में समा सकता है। शायद विभाग भी इसके गिरने का इंतजार कर रहा है। टैंक के आसपास के काफी हिस्से में भी बड़ी मात्रा में भूमि कटाव हो चुका है। यहां तक कि कई पेड़ों के गिरने का भी खतरा बना हुआ है।
विभाग को कई बार अवगत करवाया, नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीणों ने बताया कि योजना के साथ पंप हाऊस का कमरा भी स्थित है। नदी किनारे भूमि कटाव होने के कारण इस कमरे के काफी हिस्से की जमीन भी नीचे से खिसक चुकी है। गर्मी और बरसात के इस मौसम में मजबूरन ऑप्रेटर इत्यादि कर्मियों को इसी कमरे में बैठना पड़ रहा है। यदि जल्द इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह कमरा कभी भी गिर सकता है, ऐसे में किसी हादसे से भी इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार समस्या को लेकर संबंधित विभाग को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन अब तक कुछ नहीं बना। ग्रामीणों ने डीसी सिरमौर सहित जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता से इस दिशा में उचित कार्रवाई की मांग की है।
बड़े स्तर पर हुआ भूमि कटाव, काफी बजट की आवश्यकता
उधर, विभाग की मानें तो जिस तरह से बड़े स्तर पर भूमि कटाव हुआ है, उसमें डंगा इत्यादि लगाने में काफी बजट की आवश्यकता है। ऐसे में विभाग की इस योजना को क्षेत्र के अन्य हिस्से में शिफ्ट करने की योजना भी है, लेकिन यह तभी संभव है, जब इसके लिए बजट उपलब्ध हो पाएगा। कुल मिलाकर कारण चाहे कुछ भी हो, रुण नदी हो रहे भूमि कटाव से योजना को काफी नुक्सान पहुंच रहा है और स्टोरेज टैंक और पंप हाऊस कभी भी पूरी तरह से नदी में समा सकते हैं।
15 दिन बाद के चली योजना, खुद उठाकर लानी पड़ी मोटर
ग्रामीण नरेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले 15 दिनों से मोटर खराब होने की वजह से यह योजना बंद पड़ी थी। क्षेत्र में धान की फसल की रोपाई का भी कार्य चल रहा है। मोटर ठीक करवाने के लिए कालाअम्ब भेजी गई है। ठेकेदार से बात करने पर उसने कालाअम्ब से मोटर उठाने में असमर्थता जताई, जिसके बाद वह खुद गाड़ी में मोटर को लेकर यहां पहुंचे और भारी-भरकम मोटर को 2-3 लोगों ने करीब एक किलोमीटर दूर उठाकर मौके पर पहुंचाया और तब कहीं जाकर योजना चालू हो पाई।
क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
जल शक्ति विभाग नाहन मंडल के एसडीओ राेशन लाल ने बताया कि रुण नदी में भूमि कटाव से योजना को नुक्सान पहुंच रहा है। पिछली बरसात में नुक्सान की भरपाई के लिए बजट की मांग भी की गई थी। जिला प्रशासन से भी मामला उठाया गया। उक्त स्थान से योजना को अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की योजना है। बजट उपलब्ध होते ही इस दिशा में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।